Cyber Fraud: दिल्ली की एक बैंक के पूर्व कर्मचारी ने पहले तो लोने देने के नाम पर 16 फर्जी खाते खोले और इसके बाद में इन खातों का इस्तेमाल 153 साइबर फ्रॉड करने के लिए किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। द्वारका साइबर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से कुछ अकाउंट का इस्तेमाल आरोपी धन सिंह राजपूत ने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए किया और बाकी अकाउंट को दूसरे ठगों को दे दिया।

यह पूरा का पूरा मामला उस समय सामने आया जब एक महिला ने द्वारका साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज। उसने कहा कि उसके साथ में 60 हजार रुपये की ठगी की गई है। विपिन गार्डन एक्सटेंशन में रहने वाली प्रमे लता ने कहा कि 14 अगस्त 2023 को एक शख्स का फोन आया और उसने कहा कि उसके पास उसके पति की सैलरी के 25 हजार रुपये हैं। इसके बाद फोन करने वाले शख्स ने बताया कि उसके पति ने पैसे उसके गूगल पे अकांउट के जरिये ट्रांसफर करने के लिए बोला है। वह उसके पति के अकाउंट में वह पैसे नहीं भेज पा रहा है।

प्रेम लता ने फिर उसको गूगल पे का नंबर दे दिया। इस पैसे भेजने वाले शख्स की पहचान राजपूत के तौर पर हुई। फिर इसके बाद उसे मैसेज मिले कि उसके अकाउंट में 20 हजार और 50 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। फिर कॉल करने वाले शख्स ने उसे 45000 रुपये वापस करने के लिए बोला। उसने कहा था कि उसने पैसे गलती से भेज दिए हैं। उसने पैसे लौटा दिए। यही एक बात थी कि लता को राजपूत से पैसे कभी नहीं मिले।

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पुलिस ने ट्रैक किया अकाउंट

पुलिस को शिकायत मिलने के बाद में पुलिस ने पैसे टांसफर वाले अकाउंट को ट्रैक किया। फिर उनको पता चला कि यह अकाउंट राजस्थान के दौसा की रहने वाली मीना भारती का है। पुलिस ने बताया कि उसका अकाउंट धन सिंह राजपूत ने खोला था। उसने अकाउंट खोलते वक्त कहा था कि अगर वह उसके बैंक में अकाउंट खोल लेगी तो वह उसकी भैंस के बदले में आसानी से लोन दिलवा देगा। फिर कुछ टाइम पर राजपूत उसके घर पर आया और कहा कि कुछ टेक्निकल दिक्कत हो गई है और उसका लोन पास नहीं हो पाया है। उसने उसका डेबिट कार्ड और बैंक की किट छीन ली और कहा कि वह अकाउंट को बंद कर देगा। हालांकि, पुलिस ने कहा कि वह अकाउंट फिर कभी बंद नहीं हुआ।

आरोपी अकाउंट बंद करने के लिए मांगता था ओटीपी

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जनवरी के महीने में सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत धन सिंह राजपूत के खिलाफ एक नोटिस जारी किया गया था। वह जांच में भी शामिल हुआ और कहा कि उसने जो भी खाते खोले हैं वह एकदम सही है। फिर मेवात क्षेत्र के आसपास जांच करने के बाद में पता चला कि उसने आसान किस्तों पर कर्ज देने के नाम पर कई गांव वालों के खाते खोले थे। फिर वह उन सभी का अकाउंट बंद करने का दावा करता था। ऐसा करने के लिए उनसे ओटीपी मांगता था।

हालांकि, ये ओटीपी अकाउंट बंद होने के लिए नहीं थे। अधिकारी ने कहा कि ओटीपी अकाउंट के साथ रजिस्टर्ड फोन नंबर बदलने के लिए थे। ये नंबर फ्राड के थे। पुलिस ने बैंक से पूछा तो वहां के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने धोखाधड़ी के मामलों में शामिल होने की वजह से धन सिंह राजपूत को नौकरी से निकाल दिया था। 17 अगस्त 2024 को दिल्ली पुलिस ने राजपूत को दौसा से गिरफ्तार किया और उसके पास से डेबिट कार्ड, चेक बुक और फोन बरामद किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसने अब तक जो भी फ्राड किया है उसकी जांच की जा रही है।