भारतीय जनता पार्टी को अपने बगावती तेवरों से कई बार परेशान कर चुके योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर सामने आए हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राजभर के तेवर बदलते नजर आ रहे हैं। आजमगढ़ से विधायक राजभर ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो वे गठबंधन छोड़ देंगे।
सरकार को अल्टीमेटम देते हुए राजभर ने कहा कि अगर ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण में अत्यंत पिछड़ों को हिस्सा नहीं मिला तो वो 24 फरवरी को बीजेपी से अलग हो जाएंगे। इसके साथ ही राजभर ने ऐसा होने की स्थिति में 25 फरवरी को उत्तर प्रदेश की 80 और बिहार की 16 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने का भी ऐलान किया। साथ ही सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि चैनलों पर चल रहे सर्वे के मुताबिक इस बार बीजेपी को पिछली बार की तुलना में 100 सीटें कम मिलेंगी।
राम मंदिर पर बयान केवल चुनावी जुमलाः राजभर ने राम मंदिर का मुद्दा भी उठाया और सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लेते हुए पूछा कि क्या वे सुप्रीम कोर्ट से बड़े हैं? उन्होंने कहा, ‘अदालत फैसला नहीं ले कर पा रही है तो सरकार क्या कर लेगी? अगर उन्हें इतनी ही जल्दी थी तो पांच साल केंद्र और राज्य में उन्हीं की सरकार है। इस दौरान राम मंदिर बनवा लेना था। राम मंदिर पर बयानबाजी केवल साधु- संतों को शांत करने के लिए की जा रही है।’
भाजपा का ठप्पा लगने से फेल हो गए शिवपालः राजभर ने प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव और लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनाए जाने पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘सब कुछ जातिवाद में बंट चुका है। प्रियंका को पार्टी में शामिल करने से कांग्रेस को कोई बहुत फायदा नहीं होगा।’ उन्होंने मुलायम सिंह के छोटे भाई और पूर्व सपा नेता शिवपाल यादव पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब से शिवपाल पर भाजपा का ठप्पा लगा है तभी से वे फेल हो गए। गौरतलब है कि शिवपाल यादव सपा से अलग होकर खुद की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना ली है। इससे पहले उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे।