अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि आग बिजली के मीटर बोर्ड से लगी। इस दौरान 60 से ज्यादा विद्यार्थी घायल हो गए और उन्हें दिल्ली के अलग-अलग चार अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा।
कुछ छात्रों को सांस लेने में तकलीफ के बाद गहन चिकित्सा कक्ष में भी भर्ती कराया गया। लेकिन इन सभी को खतरे से बाहर बताया गया। दमकल की 11 गाड़ियों ने करीब दो घंटे में आग पर काबू पाया। छात्रों को शीशे तोड़कर रस्सियों के सहारे बाहर निकाला गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आग लगने के पुख्ता कारणों की जांच शुरू कर दी है।
दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा कि आग लगने की सूचना दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर मिली और दमकल की कुल 11 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया है। दमकलकर्मियों ने संस्थान की तीसरी मंजिल पर फंसे करीब 400 बच्चों को रस्सी के सहारे सुरक्षित बाहर निकाला लेकिन इस दौरान करीब 66 बच्चे घायल हो गए।
इन्हें पास के हिंदूराव, ट्रामा सेंटर, न्यू लाइफ और बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें कुछ के रस्सी से गिरने के बाद चोट लगने और कुछ को सांस की तकलीफ के कारण भर्ती कराया गया। शुरुआती जांच में बिजली के मीटर से आग की बात सामने आई है। अधिकारियों ने बताया कि जांच में पता चला है कि आग पांच मंजिला इमारत में मीटर बोर्ड से लगी।
अग्निशमन विभाग द्वारा साझा वीडियो में, दमकल कर्मियों को लोगों को खिड़कियों के माध्यम से बाहर निकालते हुए देखा जा सकता है। इनमें ज्यादातर छात्र हैं। घबराए विद्यार्थी रस्सियों के सहारे इमारत की सबसे आखिरी मंजिल से नीचे उतरते दिख रहे हैं। बयान में कहा है कि दो विद्यार्थियों को गंभीर चोटें आई हैं और उनका इलाज सफदरजंग अस्पताल में किया जा रहा है।