ओडिशा के कालाहांडी में अस्पताल प्रशासन की तरफ से एक अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। राज्य के कालाहांडी के गुनुपुर में अस्पताल में इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। रोगी की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने मृतक के परिजनों को शव लेजाने के लिए वाहन उपलब्ध कराने से कथित रूप से इनकार कर दिया।
इसके बाद मृतक के परिजन शव को लाठी में कपड़ा बांध कर कंधे पर ही लाद कर ले जाने को मजबूर हुए। इस संबंध में मृतक के परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने उनसे कहा कि वह सोमवार को एंबुलेंस सेवा का संचालन नहीं करते हैं। वहीं अस्पताल प्रशासन की तरफ से इस बात से इनकार किया गया है।
तुमुल रामपुर सरकारी अस्पताल के मेडिकल अधिकारी ने कहा कि एक प्राइवेट संस्था इस मरीज को लेकर सुबह 9 बजे अस्पताल पहुंची थी लेकिन रोगी की मौत हो चुकी थी। उन लोगों ने शव ले जाने के लिए वाहन खोजा लेकिन उन्हें वाहन नहीं मिला। मेडिकल अधिकारी ने कहा हमारे पास सिर्फ एक शव वाहन है। यह वाहन जूनागढ़, कालमपुर और तुमुल रामपुर के लिए है।
Odisha: Relatives of a man, who died during treatment at an NGO in Gunupur, Kalahandi, carry his body on a sling made of clothes, after they were allegedly not given a hearse van. Say, “We asked for a van but medical officers told us they don’t run van on Mondays” pic.twitter.com/TNnv5TmE53
— ANI (@ANI) July 19, 2019
इससे पहले बिहार के नालंदा जिले में भी ऐसी ही स्वास्थ सेवाओं में लापरवाही की एक घटना सामने आई थी। यहां नालंदा जिला सदर अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिलने पर एक व्यक्ति को अपने बच्चे का शव मोटरसाइकिल पर लाद कर ले जाने को मजबूर होना पड़ा था।
घटना के सामने आते ही संबंधित जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने मामले की जांच के आदेश दे दिए थे। सिंह का कहना था कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले परवलपुर थाना क्षेत्र के सीतापुर गांव का निवासी विरेंद्र यादव अपने 8 साल के बेटे को पेट दर्द की शिकायत के बाद इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचा था।
बाद में डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पिता ने शव को लेजाने के लिए कई चक्कर काटे लेकिन उसे अस्पताल प्रशासन की तरफ एंबुलेंस नहीं मुहैया कराया गया। इसके बाद मजबूरन उसे मोटरसाइिकल पर शव लेकर जाना पड़ा।