थियेटर, कला, रंगकर्म के क्षेत्र में उत्कृष्ट कलाकारों एवं रंगकर्मियों को तैयार करने वाली संस्था नेशनल स्कूल आॅफ ड्रामा (एनएसडी) को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने की मांग तेज हो गई है और सरकार का रुख भी इस दिशा में सकारात्मक बताया जा रहा है। संस्कृति मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह प्रस्ताव पिछले कुछ वर्षो से सरकार के समक्ष है और अब इस पर विचार किया जा रहा है। इस बारे में प्रस्ताव विधि विभाग के समक्ष है। वरिष्ठ रंगकर्मी एवं टेलीविजन की चर्चित शख्सियत अनुपम श्याम ने कहा,‘नाटक बहुत गरीब है। ऐसे में अगर एनएसडी जैसी संस्थाओं को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिया जाता है तो इससे रंगमंच और रंगकर्मियों को निश्चित तौर पर फायदा होगा।’ श्याम ने कहा,‘रंगमंच को जिस तरह की प्रतिक्रिया और सहयोग मिलना चाहिए, वैसी नहीं मिली है। ऐसे में रंगमंच के छात्रों के भविष्य के लिए यह एक अच्छी पहल होगी। निश्चित तौर पर एनएसडी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिलना चाहिए।’

एनएसडी के पूर्व छात्र, रंगकर्मी और निर्देशक दानिश इकबाल ने कहा,‘यह संस्थान भारत ही नहीं बल्कि एशिया में अनूठा संस्थान है और श्रेष्ठ रंगकर्मियों को तैयार करता है, जो देश विदेश में भारत का नाम रौशन करते हैं। सघन प्रशिक्षण के जरिये यहां से निकले छात्र फिल्म उद्योग में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे हैं। एनएसडी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने से न केवल संस्थान का महत्व बढ़ेगा बल्कि आधारभूत ढांचे के विकास, संस्थान के संसाधन एवं छात्रों के कल्याण के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा।’ उन्होंने कहा कि एनएसडी को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान का दर्जा दिया जाना वक्त की जरूरत है। यह छात्रों और रंगकर्मियों के लिए अच्छी पहल होगी। आगामी संसद सत्र में इस दिशा में पहल की जाए और इसमें ऐसा प्रवधान किया जाए कि यहां से निकले छात्रों को व्यवसायिक और पेशेवर मदद मिल सके।

पारंपरिक कला, नाटक, रंगकर्म के बारे में छात्रों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से काफी समय से एनएसडी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिए जाने और देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसके क्षेत्रीय सेंटर स्थापित करने की मांग की जा रही है। हालांकि इस बारे में एनएसडी के एक अधिकारी ने सिर्फ इतना कहा कि ऐसा एक प्रस्ताव है। रंगकर्मियों का कहना है कि एनएसडी को डीम्ड यूनिवर्सिटी की श्रेणी से हटाने का एक प्रस्ताव भी इसी उद्देश्य से पारित किया गया था ताकि इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिल सके।

रंगकर्मी, नाटककार एवं निर्देशक सईद आलम ने कहा कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिया जाना अच्छी पहल होगी और इससे रंगकर्म के क्षेत्र में काम करने वाले और शिक्षा दीक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों एवं रंगकर्मियों के लिए नए मार्ग खुलेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें और देर नहीं की जानी चाहिए। साथ ही ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए कि यहां पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को भविष्य की अनिश्चितता से निजात मिले। ठोस पाठ्यक्रम के साथ छात्रों का व्यावसायिक भविष्य सुनिश्चित करने के प्रावधान किए जाएं। ‘माइटी हार्ट’, ‘पान सिंह तोमर’ सहित कई फिल्मों में अभिनय करने वाले इमरान हस्नी ने कहा कि कई ऐसे संस्थान हैं जो राष्ट्रीय महत्व के संस्थान की पात्रता रखते हैं। एनएसडी के साथ एफटीआईआई को भी यह दर्जा दिया जाए।