योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों को 4300 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से भुगतान करने का फैसला लिया गया है। कैबिनेट का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब लोग एयरपोर्ट से फ्लाइट शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेवर के किसानों से मुलाकात करते हुए 20 दिसंबर 2024 को कर दी थी। इस फैसले को अब कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
पहले क्या थी मुआवजे की दर
बता दें कि अब तक किसानों को यमुना प्राधिकरण 3100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजे का भुगतान कर रही थी। किसान पिछले काफी समय से मांग कर रहे थे कि इलाके के विकास के बाद उनकी जमीनों के दाम में इजाफा हुआ है। ऐसे में उनकी जमीन पर बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए। यमुना विकास प्राधिकरण को एयरपोर्ट के विकास के लिए अभी 2053 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना है। यह अधिग्रहण तीसरे और चौथे चरण के विकास के लिए किया जाएगा।
जमीन के अधिग्रहण के लिए अब तक 70 फीसदी किसानों की मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से धारा-11 का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में बनने वाले दो रनवे और विमान के इंजन बनाने वाली कंपनियों के विकसित होने का रास्ता साफ हो गया है। जमीन पर दो रनवे और 750 एकड़ में विमानों के इंजन बनाने वाली कंपनी स्थापित होगी। प्रदेश सरकार के फरवरी में जारी बजट में एयरपोर्ट के तीसरे-चौथे चरण में होने वाले कार्यों के लिए 1550 करोड़ के फंड की घोषणा की थी। 1500 करोड़ भूमि अधिग्रहण और 50 करोड़ भवन निर्माण के लिए आवंटित किए।
इन गांव की जमीन का होगा अधिग्रहण
नोएडा एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे 2053 हेक्टेयर भूमि चाहिए। इनमें नीमका शाहजहांपुर, ख्वाजापुर, पारोही, किशोरपुर, बनवारीबांस, जेवर बांगर, मुकीमपुर शिवारा, साबुता, अहमदपुर चवरौली, दयानतपुर, रोही और बंकापुर, थोरा, रामनेर गांव शामिल है। अधिग्रहण में सबसे ज्यादा थोरा और रामनेर के करीब 17 हजार किसान शामिल हैं। यूपी के इन जिलों में बढ़ने वाले हैं जमीन के दाम, योगी सरकार ने सर्किल रेट में बदलाव के लिए दी हरी झंडी