केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
भाजपा महासचिव सी टी रवि ने पिछले साल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा था।
क्या सरकार के पास दिल्ली स्थित इस विश्वविद्यालय के नाम में बदलाव का कोई प्रस्ताव है, एक सदस्य के इस प्रश्न के लिखित उत्तर में निशंक ने कहा, ‘नहीं’।

इधर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि महामारी के दौरान कोई बच्चा ऑनलाइन शिक्षा से वंचित नहीं रहा क्योंकि सरकार ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। निचले सदन में प्रश्नकाल में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में जावड़ेकर ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने में भारत ने अनेक देशों को पीछे छोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि 5 वर्ष के बच्चों से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक एक तरह से हर चीज ऑनलाइन हो गई। जावड़ेकर ने कहा कि वंचित वर्ग के बच्चों तक मोहल्ला स्कूलों के जरिए पहुंचा गया। मंत्री ने कहा कि अभी 34 शैक्षणिक चैनल हैं जिनमें से 22 उच्च शिक्षा और 12 स्कूली शिक्षा के स्तर पर हैं।

उन्होंने कहा, ‘इसलिए महामारी में कोई बच्चा ऑनलाइन शिक्षा से वंचित नहीं रहा।’ लोकसभा की बैठक सोमवार को जब चार बजे शुरू हुई तो प्रश्नकाल में कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने तीन नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर सदन में नारेबाजी की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर-शराबे में ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और 10 मिनट बाद ही कार्यवाही शाम पांच बजे तक स्थगित करनी पड़ी।