त्रिपुरा में पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर पैनी निगरानी की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में पिछले साल उग्रवाद से जुड़ी कोई घटना नहीं घटी। पुलिस महानिदेशक के नागराज ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘पिछले साल (त्रिपुरा में) उग्रवाद से जुड़ी एक भी घटना नहीं घटी। पिछले तीन दशक से राज्य को तबाह कर रहे उग्रवाद पर बड़े स्तर पर काबू पा लिया गया है। हम बेपरवाह नहीं हैं और हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि राज्य के कई उग्रवादी अब भी बांग्लादेशी सरजमीं का इस्तेमाल कर रहे हैं और वहां फिलहाल 16 शिविर चल रहे हैं। नागराज ने कहा, ‘पिछले साल बांग्लादेश के सुरक्षा बलों ने राज्य के उग्रवादियों के कई शिविरों को नेस्तनाबूद कर दिया था जिनमें प्रमुख रूप से देश के चटगांव हिल ट्रैक्ट्स में थे। लेकिन उग्रवादियों ने वहां फिर से कुछ अस्थाई शिविर बना लिए।’
उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिस पर पैनी नजर की जरूरत है और राज्य पुलिस नयी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।’ बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल करते हुए किसी तरह के आतंकी हमले की आशंका के सवाल पर डीजीपी ने कहा, ‘राज्य की पड़ोसी देश के साथ 856 किलोमीटर लंबी सीमा है। हम ऐसी किसी संभावना को खारिज नहीं कर सकते और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।’
नागराज ने कहा कि 1761 बांग्लादेशी नागरिकों ने पिछले साल अवैध तरीके से राज्य में प्रवेश किया था और पुलिस ने उन्हें वापस भेज दिया था। डीजीपी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था में कुल मिलाकर सुधार हुआ है और अपराध का ग्राफ गिर गया है।