‘नौकरी नहीं तो वोट नहीं’। जी हां, यह कहना है राजस्थान के एक गांव के बाशिंदों का। सबसे पहले आपको बता दें कि भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) शासित राजस्थान में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। राजस्थान के कस्बा बोन्ली गांव में रहने वाले लोगों खासकर युवाओं का कहना है कि अगर उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी तो वो इस बार के चुनाव में बीजेपी को अपना वोट नहीं देंगे। गांव के युवाओं का कहना है कि मोदी सरकार ने साल 2014 में लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन गांव में युवाओं को अब तक नौकरी नहीं मिली है।
गांव के एक किसान नेता हनुमान प्रसाद मीणा का कहना है कि मेरे दोनों बेटों को शिक्षित होने के बावजूद अब तक नौकरी नहीं मिल पाई है। गांव के कई किसानों ने मोदी सरकार के नौकरी के वादों को ध्यान में रखकर उन्हें बीजेपी को खुले दिल से वोट दिया था। लेकिन चुनाव के बाद सरकार अपने वादे भूल गई। साल 2013 में जब रायटर्स ने इस गांव का दौरा किया था तब वहां नरेंद्र मोदी और उनके वादों की हर तरफ चर्चा थी। लेकिन गांव के लोगों को अब भी इंतजार है मोदी सरकार के वादों के पूरे होने का। गांव में बेरोजगारी का आलम क्या है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में रेलवे की तरफ से 90,000 सीटों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। इन सीटों पर 25 लाख से ज्यादा आवेदन आए।
राज्य के किसान अपने बच्चों को कृषि से दूर रखना चाहते हैं। गांव और आसपास के रहने वाले कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इस बार विधानसभा चुनाव में यहां बेरोजगारी का मुद्दा काफी अहम साबित होने वाला है। कई लोगों का यह भी कहना है कि यहां कांग्रेस के सत्ता में आने की काफी संभावनाए हैं। पूर्व मंत्री और राज्स्थान कांग्रेस पार्टी प्रमुख सचिन पायलट ने कहा कि बीजेपी ने लोगों से यहां झूठा वादा कर उनका वोट हासिल किया है। इस बात से लोग यहां काफी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस यहां लोगों से झूठा वादा नहीं करेगी। पार्टी यहां रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए हर संभाव प्रयास करेगी।

