गोरखपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के बाद से सुर्खियों में आई राष्ट्रीय निषाद पार्टी के अंदर अब राज्यसभा चुनाव को लेकर कलह मचने के संकेत हैं। गोरखपुर उपचुनाव में सपा के टिकट पर बेटे प्रवीण की जीत के बाद निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद ने पार्टी के विधायकों से सपा प्रत्याशी को वोट देने की अपील की थी। मगर अब इस पार्टी के विधायक विजय मिश्रा ने इससे विरोधाभासी बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वे सपा और बसपा को कतई नहीं वोट देंगे।
विजय मिश्रा ने कहा कि वह निषाद पार्टी के महासचिव रहे हैं। बावजूद इसके पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने उनसे समाजवादी पार्टी से उपचुनाव में गठबंधन को लेकर पहले से कोई रायशुमारी नहीं की। विजय मिश्रा ने कहा कि-संजय निषाद ने मुझसे दो दिन पहले बातचीत कर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा प्रत्याशी को मतदान करने को कहा। मगर मैने स्पष्ट मना करते हुए कहा कि सपा हो बसपा किसी का समर्थन नहीं करूंगा। विजय मिश्रा ने कहा कि समाजवादी पार्टी से कोई दुश्मनी नहीं है, मगर यह विचारधारा की लड़ाई है। विजय मिश्रा ने कहा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के खिलाफ पिछले चुनाव लड़कर जीता था।
भदोही की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से पिछले साल लगातार चौथी बार विजय मिश्रा ने जीत दर्ज की। समाजवादी पार्टी से टिकट कट जाने पर उन्होंने निषाद पार्टी से चुनाव लड़ा था, यूपी में बीजेपी व सहयोगी दलों को 325 मिलने के वावजूद मोदी लहर विजय मिश्रा को जीत दर्ज करने से नहीं रोक सकी। बता दें कि पेशे से चिकित्सक संजय निषाद ने 2013 में राष्ट्रीय निषाद पार्टी की स्थापना की।
इस बार लोकसभा उपचुनाव में उनके इंजीनियर बेटे प्रवीण निषाद को समाजवादी पार्टी ने योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट से मैदान में उतारा था, जिस पर उन्होंने अप्रत्याशित रूप से जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया। गोरखपुर सीट पर निषाद मतदाताओं की भारी संख्या को देखते हुए पहले समाजवादी पार्टी ने संजय निषाद को पार्टी के विलय का प्रस्ताव भेजा था, मगर संजय निषाद ने इन्कार करते हुए बेटे को टिकट देने पर समर्थन की बात कही थी। आखिरकार सपा ने संजय के बेटे को उम्मीदवार बनाया और पांच बार से लगातार जिस सीट से योगी सांसद बन रहे थे, उस पर सपा का कब्जा हो गया।
