2008 Malegaon Blast Case: मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में फैसला सुनाने से पहले आरोपी मेजर रमेश उपाध्याय ने कहा है कि वे सभी लोग बरी हो जाएंगे। बताना होगा कि 17 साल तक चली जांच, कानूनी दांव-पेंच और लंबी सुनवाई के बाद इस मामले में फैसला आना है।
मुंबई में पत्रकारों के साथ पूछे गए सवालों के जवाब में आरोपी मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त) ने कहा, “हम सभी बरी हो जाएंगे। हमारे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। हमारे खिलाफ पेश किए गए सभी सबूत झूठे साबित हुए।”
बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी हैं आरोपी
विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी इस मामले में फैसला सुनाएंगे। यह एक हाई प्रोफाइल मामला है जिसमें बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय रहीरकर, सुधाकर धर द्विवेदी उर्फ शंकराचार्य और समीर कुलकर्णी भी आरोपियों में शामिल हैं।
‘…हमें बताया था कि वह बजरंग दल के हैं’
क्या हुआ था मालेगांव में?
29 सितंबर, 2008 को रमजान के महीने में मुस्लिम बहुल इलाके मालेगांव के भीकू चौक में बम धमाका हुआ था। इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 लोग घायल हो गए थे।
जमानत पर बाहर हैं साध्वी प्रज्ञा
साध्वी प्रज्ञा को अक्टूबर, 2008 में गिरफ्तार किया गया था और अभी वह जमानत पर बाहर हैं। विस्फोट में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल उनके नाम पर रजिस्टर्ड थी। NIA की ओर से अदालत में पेश हुए स्पेशल प्रॉसीक्यूटर अविनाश रसाल ने कई सबूतों का हवाला दिया, जिनमें कॉल डेटा रिकॉर्ड, इंटरसेप्ट की गई फोन कॉल और आरोपियों से बरामद सामग्री शामिल थी।
अभियोजन पक्ष की दलील थी कि चतुर्वेदी के देवलाली स्थित आवास पर RDX मिला था और इसे लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के निर्देशों पर तैयार किया गया था। हालांकि बचाव पक्ष ने अभियोजन पक्ष के बयानों का जोरदार विरोध किया था।
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