सहरसा के अस्पताल में छह नवजात शिशुओं की मौत की घटना को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने इस मामले में बिहार के स्वास्थ्य सचिव से जवाब-तलब किया है। उन्हें दो हफ्ते के भीतर तथ्यों सहित पूरा ब्योरा भेजने की हिदायत दी गई है। मीडिया की एक खबर का खुद संज्ञान लेते हुए आयोग ने यह कदम उठाया है।

खबर में बताया गया था कि आठ नवंबर को बिहार के सहरसा के अस्पताल में आक्सीजन और जरूरी दवाएं वक्त पर उपलब्ध न होने के कारण छह नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी। सभी 24 घंटे से भी कम उम्र के थे। अस्पताल में उनकी देखरेख का कोई उचित बंदोबस्त था ही नहीं। फिर भी अस्पताल प्रशासन ने बच्चों को दफनाने के नाम पर उनके अभिभावकों से दो सौ रुपए प्रति शिशु वसूले थे। लेकिन उन्हें दफनाने के बजाय उनके शव झाड़ियों और गड्ढों में फेंक दिए गए। पहली नजर में आयोग ने इसे नवजात शिशुओं के मानवाधिकार हनन का गंभीर मामला माना है।