मिजोरम में अपनी सेवाएं दे रहे दो आईएएस अधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखकर राज्य के कुछ एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। अधिकारियों का कहना है कि मिजोरम के कुछ एनजीओ ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह का बहिष्कार किया। इसके अलावा जो नागरिक गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए गए उन्हें भी जबरन रोका गया। बता दें कि राज्य सरकार की कोशिशों के बाद भी मिजोरम में विभिन्न एनजीओ के अलावा छात्रों की शीर्ष इकाई मिजो जिर्लई पावल MZP और यंग मिजो एसोसिएशन (YMA) ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 के विरोध में गणतंत्र दिवस समारोह का बहिष्कार किया।
2009 बेच के आईएएस अधिकारी कृष्ण मोहन अप्पू और 2014 बेच के आईएएस अधिकारी भूपेश चौधरी ने पृथक रूप से गृह मंत्रालय के चोटी के अधिकारिओं और राज्य सरकार को इस मामले से अवगत कराया। 26 जनवरी को भेजे पत्र में अधिकारियों ने कहा कि उन्हें शनिवार (26 जनवरी, 2019) को आइजोल के असम राइफल्स ग्राउंड में आयोजित गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति नहीं मिली। दोनों आईएएस अधिकारियों अप्पू और चौधरी ने पत्र में लिखा कि उन्हें एंट्री गेट पर ही रोक दिया गया और संयुक्त एनजीओ समन्वय समिति के प्रतिनिधियों ने उनसे कहा कि वो समारोह में नहीं जा सकते हैं और उन्हें वापस लौट जाना चाहिए।
आईएएस अधिकारी अप्पू ने पत्र में लिखा, ‘यह देखते हुए कि वहां कानून व्यवस्था की जरुरत पड़ सकती है हमें समारोह स्थल के बाहर रुकना पड़ा। एक घंटे के बाद, हमें भारी मन, अपमान और आक्रोश की भावना के साथ कार्यक्रम स्थल से जाना पड़ा।’ हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक अप्पू ने पत्र में यह भी लिखा कि उन्हें सर्विस के पूरे करियर में इस तरह के अपमान का सामना नहीं करना पड़ा।
वहीं चौधरी ने पत्र में लिखा, ‘हमने उन्हें यह भी बताया कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में गैर सरकारी संस्थाओं को अधिकार है कि वो नागरिक संशोधन बिल का विरोध कर सकते हैं। मगर इसे गणतंत्र दिवस समारोह से जोड़ना और सरकारी अधिकारियों को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होने देना गैर-कानूनी था। एक घंटा बाहर इंतजार करने के बाद हमें गहरे दर्द और पीड़ा के साथ वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘ड्यूटी मजिस्ट्रेट और पुलिस में से कोई भी संयुक्त एनजीओ समन्वय समिति के सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अपनी बेबसी जाहिर की।’