तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में अधिकारियों ने छापेमारी कर एक ईंट भट्ठे से 106 बच्चों सहित 328 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया है।
अधिकारियों ने बताया कि मुक्त कराए गए मजदूर ओड़ीशा के रहने वाले हैं और 20 रुपए दैनिक मजदूरी पर 12 घंटे रोजाना काम कर रहे थे। मजदूरों की दुर्दशा के बारे में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) इंटरनेशनल जस्टिस मिशन से मिली जानकारी के आधार पर शनिवार को राजस्व अधिकारी एस जयचंद्रन के नेतृत्व में जिला प्रशासन की एक टीम ने छापेमारी की। जयचंद्रन ने बताया कि जिला प्रशासन ने इन लोगों में से हरेक को 1000 रुपए दिए हैं। दक्षिण रेलवे से इन लोगों को सोमवार शाम ओड़ीशा भेजने के लिए ट्रेन में तीन अतिरिक्त बोगी लगाने का आग्रह किया गया।

बंधुआ मजदूरों के मुताबिक तिरुवल्लूर जिले के पुढ़ुकुप्पम में निर्माण कार्य के लिए उन्हें 350 से 400 रुपए दैनिक भुगतान करने का वादा किया गया था। एक अन्य बंधुआ मजदूर ने बताया कि हम ईंट भट्ठे पर मात्र 12 रुपए दैनिक के हिसाब से 12 घंटे काम कर रहे थे। इस मजदूर ने दावा किया कि कुछ मजदूर तो कई महीनों से काम कर रहे थे। मुक्त कराए गए कुछ बच्चों की उम्र 15 साल से कम है। एक अधिकारी ने बताया कि मजदूरों को काम पर रखने वाला ईंट भट्ठे का मालिक फरार है। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है।