प्रतिपदा विक्रम संवत पर बगैर अनुमति के जुलूस निकालने के आरोपी अर्जित चौबे की अग्रिम जमानत की अर्जी पर जिला व सत्र न्यायाधीश (प्रभारी) कुमुद रंजन सिंह की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान न्यायाधीश ने पुलिस से केस डायरी की मांग की। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार 31 मार्च को होगी। यह जानकारी वकील सत्यनारायण प्रसाद शाह ने दी। उन्होंने बताया कि अर्जित चौबे पर जुलूस का अगुआई करने, डीजे बजाने और भड़काऊ नारे लगाने का आरोप हैं। साथ ही बगैर अनुमति के जुलूस निकालने का भी इल्जाम हैं। सरकारी वकील ओमप्रकाश तिवारी ने बताया कि अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर भी किसी तरह की बंदिश नहीं लगाई है। पुलिस के हाथ खुले हैं।
एसएसपी मनोज कुमार के मुताबिक अर्जित चौबे की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम पटना भेजी गई है। पटना के एसएसपी को भी जानकारी दे दी गई है। पुलिस तलाश में जुट गई है। अर्जित चौबे, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे हैं। भागलपुर सीट से 2015 में बिहार विधानसभा के लिए भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गए। 17 मार्च को जुलूस के बाद नाथनगर में उपद्रव हुआ।
मामले में अर्जित समेत 9 भाजपा कार्यकर्ता नामजद हैं। लेकिन अग्रिम जमानत की अर्जी केवल अर्जित चौबे की तरफ से कोर्ट में सोमवार को दी गई है। बचाव पक्ष के वकील वीरेश मिश्रा की दलील थी कि एफआइआर के मुताबिक अर्जित जुलूस का संचालन नहीं कर रहे थे। और न ही इन्होंने कहीं उत्तेजक नारे लगाएं। ऐसे में इनपर आरोप बेबुनियाद है। अग्रिम जमानत की अर्जी के फैसले तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने की भी अपील की गई। भाजपा जिला अध्यक्ष रोहित पांडे ने कहा कि भाजपाइयों ने बुधवार को पुलिस एफआइआर के खिलाफ जिलाधीश के सामने धरने का एलान किया है।

