Noida Expressway: नोएडा से ग्रेटर नोएडा के बीच एक और एक्सप्रेस-वे बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसे देखने हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने प्रयास तेज कर दिए हैं। नोएडा प्राधिकरण को इस प्रोजेक्ट के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। हाल ही में नोएडा अथॉरिटी ने सिंचाई विभाग के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट के लिए दौरा किया है। सेक्टर-94 से सेक्टर-135 तक दोनों विभागों की संयुक्त टीमों ने दौरा किया। अब आगे रिपोर्ट तैयार कर तकनीकी अध्ययन के लिए भेजा जाएगा।
कहां बनेगा नया एक्सप्रेस-वे
नोएडा प्राधिकरण पहले से मौजूदा एक्सप्रेस-वे को चौड़ा करना चाहता था लेकिन इसमें विस्तार की संभावना नहीं है। मौजूदा एक्सप्रेसवे के किनारे सर्विस रोड और सेक्टर की प्रमुख सड़कें मौजूद हैं। ऐसे में इसे चौड़ा किया जाना संभव नहीं है। इसके साथ ही एक्सप्रेसवे पर एलिवेटेड रोक बनाने का भी विचार किया गया। हालांकि इससे मौजूदा एक्सप्रेस-वे और छोटा हो जाएगा और इस बनाने में काफी समय भी लगेगा जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहेगी। अब प्राधिकरण सेक्टर-94 के पास से पुश्ता रोड के ऊपर एलिवेटेड रोड बनाने की तैयारी कर रहा है।
सरकार कर सकती है मदद
इस रोड को बनाने में भारी खर्च आएगा। हालांकि इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने मदद का भरोसा दिया है। इस एक्सप्रेस-वे पर होने वाले खर्च का बड़ा हिस्सा राज्य सरकार दे सकती है। इससे प्राधिकरण पर बोझ कम पड़ेगा। बाकी हिस्सा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण आपस में बांट सकती हैं।
क्यों पड़ी जरूरत?
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस पर ट्रैफिक लगातार बढ़ता जा रहा है। एक्सप्रेस-वे के किनारे नए सेक्टरों का निर्माण होने से आने वाले समय में ट्रैफिक में और इजाफा होगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे जो नए सेक्टर विकसित हो रहे हैं उनमें कई सेक्टर औद्योगित और कई रिहायशी हैं। ऐसे में यहां छोड़ी गाड़ियों से लेकर बड़े वाहनों तक का दवाब बढ़ेगा। ऐसे में दोनों शहरों के बीच जाम की समस्या बढ़ेगी। जल्द ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू होगा। ऐसे में वाहनों का दवाब और बढ़ जाएगा।
मार्च में शुरू हुई थी कवायद
इस एक्सप्रेस-वे के लिए मार्च में चयन प्रक्रिया शुरू की गई थी। वैकल्पिक रास्ते के लिए एक एजेंसी का चयन भी किया गया था। हालांकि बाद में यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। नोएडा प्राधिकरण की तैयारी दोनों शहरों के बीच सिर्फ एक रास्ते को लेकर नहीं है बल्कि वह एक्सप्रेस-वे का निर्माण करना चाहता है।