अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सीनियर रेजीडेंट के तौर पर तैनात डॉ रितु बंगोती की कथित आत्महत्या कई सवाल खड़े कर गई है। उनके परिजनों का आरोप है कि जो लड़की दूसरों को जीने की हिम्मत देती थी, वह खुदकुशी कैसे कर सकती है। उसने अपनी बेटी दिव्यांशी के लिए भी कई सपने देखे थे। ऐसे में यह खुदकुशी नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है। मृतक डॉक्टर के चचेरे भाई दिनेश पुरोहित ने मामले की जांच किसी बड़ी एजंसी से कराने की मांग की है। वहीं पुलिस रितु के पति ब्रजेश से पूछताछ करने के बाद भी इस मामले में ज्यादा नहीं बोल रही है।
डॉक्टर के परिजनों का कहना है कि इस हत्या में रितु के पायलट पति ब्रजेश के अलावा उसके माता-पिता के शामिल होने की भी जांच होनी चाहिए। दिनेश के मुताबिक, शादी के बाद से उसकी बहन के बर्ताव में काफी बदलाव आ गया था। शादी के बाद से ही ब्रजेश के परिवार की मांग बढ़ गई थी। रितु के पिता ने कार के लिए मोटी रकम का चेक दिया था, इसके बावजूद प्रताड़ना जारी थी। ब्रजेश ने गुरुवार रात नौ बजे फोन पर सूचना दी कि अपनी बेटी को ले जाएं क्योंकि वह घर से बाहर चली गई है। बाद में रितु के सगे भाई विनोद को जानकारी हुई कि वह एम्स चली गई। दूसरे दिन सुबह 9.30 बजे ब्रजेश ने अपने ससुरालवालों को जानकारी दी कि रितु दरवाजा नहीं खोल रही है। इसके बाद विनोद ने रितु को फोन किया, लेकिन उसने मोबाइल नहीं उठाया।
इसके बाद ब्रजेश और विनोद कुर्मांचल अपार्टमेंट पहुंचे, जहां उन्हें रितु का शव मिला। डॉ रितु अपने पेशे पर ज्यादा ध्यान देती थीं और वह सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी ज्यादा एक्टिव नहीं थीं। अब पुलिस के सामने मामले की गुत्थी सुलझाने की चुनौती है। पुलिस रितु की पिटाई की बात से भी इनकार कर रही है, वहीं परिजन उनके शरीर पर चोट के निशान होने की बात कह रहे हैं। पुलिस उपायुक्त ऋषिपाल के मुताबिक, एसडीएम के सामने रितु के परिवार का बयान दर्ज करा लिया गया है। मामले में हमने धारा 304 बी (दहेज हत्या) के तहत आरोपों को भी जोड़ा है। रितु ने मरने से पहले कोई पत्र नहीं छोड़ा है, लेकिन पुलिस उसके परिवार वालों और पड़ोसियों से पूछताछ कर छानबीन कर रही है।