आम आदमी पार्टी का जहाज डूबता दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों में कई नेताओं ने बागी तेवर दिखाए हैं। बवाना विधायक वेद प्रकाश के बीजेपी में शामिल होने के बाद गुरुवार को अरविंद केजरीवाल की पार्टी को एक और झटका लगा। पार्टी की महिला इकाई की उपाध्‍यक्ष सीमा कौशिक ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। एमसीडी चुनाव से ठीक पहले AAP के भीतर की उठापटक पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। कौशिक ने कहा कि पार्टी के ‘शीर्ष नेतृत्‍व में भ्रष्टाचार’ की वजह से AAP के असली और समर्पित कार्यकर्ता तकलीफ झेल रहे हैं। वेद प्रकाश ने भी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को चापलूसों के घिरे रहने का आरोप लगाया था। जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि ने ट्विटर पर केजरीवाल को चापलूसों से दूर रहने की सलाह दी थी। सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल के नाम उन्‍होंने एक संदेश लिखा, ”मझदार में नैय्या डोले तो मांझी पार लगाए, मांझी जो नाव डुबाए, उसे कौन बचाए।” जब उनसे पूछा गया तो उन्‍होंने कहा, ”संदेश साफ है। कभी-कभी बादशाह चाटुकारों से घिर जाता है मगर ये बादशाह के ऊपर है कि वह चीजें सही से देखे। हमारी पार्टी डूब रही है मगर विधायकों की सुनी नहीं जा रही। कोई हमारे फोन नहीं उठाता। कुमार विश्‍वास ही पार्टी में इकलौते ऐसे शख्‍स हैं जिनमें सच के लिए खड़े होने की ताकत है। मुझे उम्‍मीद है कि अब मेरा संदेश पहुंचेगा।”

हालांकि ऋषि ने साफ किया कि वह किसी और पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे। उन्‍होंने द इंडियन एक्‍सप्रेस से कहा, ”पंजाब में हार की वजह अभी देखनी है। यही वक्‍त है कि हम अपनी गलतियों से सीखें। मैं आप छोड़कर या किसी और पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहा हूं। मैं इस पार्टी में इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन के दिनों से हूं और इसे बनाने में अपना खून-पसीना लगाया है। कई बार होता है जब आपके बनाए घर में कुछ लोग घुस आते हैं और उसकी दीवारें गिराने लगते हैं। तकलीफ होती है मगर आप बैठकर देखते नहीं रह सकते। आपको घर बचाना ही होगा। ये मेरी पार्टी है और मैं इसके लिए खड़ा होऊंगा। हम क्रांतिकारी हैं।”

बिजवासां के AAP विधायक कर्नल दविंदर सहरावत ने भी साफ कहा है कि ”अरविंद केजरीवाल खुद को मायावती से भी खराब तानाशाह साबित कर रहे हैं।” सहरावत ने कहा, ”स्‍थानीय नेतृत्‍व को बढ़ने की इजाजत नहीं है। विधायक जनता के बीच बुरे बन जाते हैं।” सहरावत ने कहा, ”अपने काम पर ध्‍यान देने की जगह, वो (केजरीवाल) प्रधानमंत्री को भला-बुरा कहने में बहुत वक्‍त गंवाते हैं। शुरू-शुरू में यह ठीक था, मगर अब ये सब ऐसे हो रहा है जैसे स्‍कूल का कोई बच्‍चा प्रिंसिपल को गरिया रहा हो।”

पार्टी के अन्‍य नेताओं जैसे- पंकज पुष्‍कर, असीम अहमद खान, संदीप कुमार ने भी ऐसी ही बातें कहीं हैं। द इंडियन एक्‍सप्रेस ने कम से कम 10 अन्‍य विधायकों से बात की जिन्‍होंने कहा कि पंजाब चुनाव में हार के बाद पार्टी सदम में है।

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