सेना ने उरी हमले को लेकर सोमवार को कहा कि इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन(डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह ने कहा कि सेना के पास इस तरह के हमलों का जवाब देने की इच्छित कुव्वत है। उन्होंने कहा, ” हमारे चुने हुए समय और जगह पर इसका जवाब दिया जाएगा। हमारे पास इस तरह के आक्रामक और हिंसक हमलों का जवाब देने की पर्याप्त काबिलियत है।” पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सीमापार से घुसपैठ की घटनाओं में पिछले तीन-चार साल की तुलना में बढ़ोत्तरी देखी गई है। यह कश्मीर घाटी में तनाव पैदा करने की पाकिस्तान की निराशा को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, ”साल 2016 में सीमापार से 17 बार घुसपैठ की कोशिश हुई। सेना ने हर बार इसे नाकाम कर दिया। इस साल अलग-अलग ऑपरेशंस में 110 आतंकी मारे गए हैं। इनमें से 31 सीमा पार करते हुए मारे गए हैं। यह दर्शाता है कि सीमा पार से किस तरह से घुसपैठ कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। उरी और पुंछ दोनों जगहों पर 4-4 आतंकी मारे गए। ” उन्होंने उरी हमले की जगह से बरामद हुई चीजों के बारे में भी बताया। डीजीएमओ के अनुसार, ”ऑपरेशन के दौरान 4 एके राइफल्स, 4 ग्रेनेड लॉन्चर्स, 4 अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर्स, काफी मात्रा में खाने का सामान व दवाइयां बरामद की गई। इन पर पाकिस्तान का मार्का था।”
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वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलकर उरी हमले की जानकारी दी है। इससे पहले उच्चस्तरीय बैठक में पीएम ने उरी हमले के जवाब में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में चर्चा की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल हुए।
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उरी हमले के बाद पर्रिकर को पीएम मोदी की खरी-खरी, कहा- गोवा छोडि़ए, सीमा पर ध्यान दीजिए