रियो ओलंपिक में हरियाणा के दो खिलाड़ियों के साथ भेदभाव किए जाने का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में उठा। केंद्र सरकार से सवाल किया गया कि केवल दो खिलाड़ियों के साथ भेदभाव क्यों किया गया। इंडियन नेशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि 121 खिलाड़ियों का दल रियो ओलंपिक में भाग लेने के लिए गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के रोहतक से धावक धर्मवीर सिंह और भिवानी का गोला फेंक खिलाड़ी इंद्रजीत तीन डोप टेस्ट में पोजिटिव पाए गए लेकिन इससे पूर्व छह टेस्ट में उन्हें निगेटिव पाया गया था। उन्होंने कहा कि धर्मवीर एकमात्र ऐसा भारतीय खिलाड़ी है जिसने 36 साल बाद ओलंपिक में 100 मीटर प्रतिस्पर्धा के लिए क्वालीफाई किया था।
पहलवान नरसिंह यादव को डोप टेस्ट में पोजिटिव पाने के बावजूद रियो ओलंपिक के लिए भेज दिया गया जबकि इंद्रजीत और धर्मवीर को रोक लिया गया। इंद्रजीत ने 100 मीटर के लिए क्वालीफाई किया था। ये खिलाड़ी 28 अप्रैल से 11 जुलाई के बीच कुल 16 डोप टेस्ट में से केवल एक में निगेटिव पाए गए थे। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि एक खिलाड़ी को प्राथमिकता क्यों दी गई।