जेईई एडवांस्ड में दिल्ली में पहला और देश में तीसरा स्थान हासिल करने वाले कलश गुप्ता दिल्ली या मुंबई आइआइटी के बीटेक कंप्यूटर साइंस पाठ्यक्रम में दाखिला लेना चाहते हैं। उनका कहना है कि किसी भी परीक्षा में कामयाबी के लिए पढ़ाई में नियमितता और एकाग्रता सबसे जरूरी है। कलश ने इसी साल वीआइटीईईई में पहला और बीटसेट में 82वां स्थान प्राप्त किया था। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, साकेत के छात्र रहे कलश गुप्ता ने इसी साल 12वीं कक्षा 97.60 फीसद अंकों के साथ पास की है। उनका कहना है कि वह बचपन से ही इंजीनियर बनना चाहते थे। वह भविष्य में कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में देश के लिए कुछ नया करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा की तैयारी के दौरान वह हमेशा अपने विषयों को दोहराते हुए ही आगे बढ़े।

उन्होंने कभी भी पढ़ाई के घंटे तय नहीं किए। उन्होंने बताया कि वह पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेते थे और इस दौरान वह टीवी पर कॉमेडी शो देखते, शतरंज खेलते और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की प्रतियोगिताओं में भाग लेते। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए एनसीईआरटी के साथ-साथ अन्य किताबों से भी उन्होंने पढ़ाई की। उन्होंने अक्तूबर 2017 में ही 12वीं का पाठ्यक्रम पूरा कर दिया था। इसके बाद उन्होंने मॉक टेस्ट का अभ्यास शुरू कर दिया। पहले वह हफ्ते में एक टेस्ट ही करते थे, लेकिन बोर्ड परीक्षाओं के बाद वह रोजाना एक से दो टेस्ट हल करते थे। इससे उनमें न केवल परीक्षा हल करने का आत्मविश्वास आया बल्कि अपनी कमजोरियां भी पता चलीं।

कलश ने बताया कि 12वीं के साथ-साथ उन्होंने इंजीनियरिंग की भी तैयारी की। पढ़ाई के दौरान देर तक कुर्सी पर बैठने से उनकी पीठ में दर्द रहने लगा था। जेईई एडवांस्ड से दो हफ्ते पहले भी उन्हें काफी दर्द था। उन्होंने पीठ दर्द के इलाज के साथ ही पढ़ाई जारी रखी। इस दौरान उन्होंने तकनीक के साथ पढ़ाई करके अच्छे नंबरों के लिए तैयारी की। कलश कहते हैं कि मैं टॉप 100 में आने की तैयारी कर रहा था, लेकिन जब परिणाम में अपना नाम तीसरे स्थान पर देखा तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पढ़ाई के दौरान माता-पिता और बहन से मिली भावनात्मक मदद भी मेरे बहुत काम आई है। उन्होंने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है। कलश की मां चारू गुप्ता स्त्री रोग विशेषज्ञ और पिता सुनील गुप्ता एक इंश्योरेंस कंपनी में वरिष्ठ अधिकारी के पद पर तैनात हैं।

विषय को गहराई से समझकर मिली कामयाबी : मीनल

जेईई एडवांस्ड में देशभर में लड़कियों में पहले स्थान पर रहीं मीनल परख ने बताया कि उन्हें पूरे दिन किताब पढ़ने से नहीं बल्कि विषय को गहराई से समझने से कामयाबी मिली। उन्होंने 360 में से 318 अंक हासिल किए हैं। उनका कहना है कि वह आइआइटी मुंबई से बीटेक कंप्यूटर साइंस करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि पढ़ाई के लिए उन्होंने कोई समय सारणी नहीं बनाई थी, बल्कि जब दिल करता तभी पढ़ाई शुरू कर देती थीं। ऐसा तय नहीं था कि उन्हें आठ घंटे या दस घंटे ही पढ़ाई करनी है।