दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन्स कॉलेज की एक छात्रा ने कॉलेज के एक प्रोफेसर पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब कॉलेज प्रशासन को मामले की जानकारी दी गई तो प्राचार्य ने प्रोफेसर का बचाव करने की कोशिश की। कॉलेज के रसायनशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर सतीश कुमार की देखरेख में पीएचडी कर रही छात्रा ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है और आरोप लगाया कि कुमार ने उसका यौन उत्पीड़न किया।
डीसीपी (उत्तर) मधुर वर्मा ने कहा, ‘शिकायत के सिलसिले में आरोपी के खिलाफ आइपीसी की धारा 354 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।’ पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाया कि कॉलेज प्राचार्य वाल्सन थंपू ने आपराधिक तौर पर उसे धमकाया कि उसकी पीएचडी पूरी होने में देरी नहीं हो या कोई समस्या नहीं आए, इसके लिए कॉलेज में ही मामले को समाप्त करने की अपनी सहमति व्यक्त करते हुए उन्हें लिखित में आवेदन दे। हालांकि प्राथमिकी में थंपू का नाम नहीं है।
छात्रा ने अपनी शिकायत में यह दावा भी किया है कि जब मामले को कॉलेज के अधिकारियों तक पहुंचाने से पहले उसके माता-पिता ने आरोपी से संपर्क किया तो उसने पूरी तरह उनसे माफी मांगी और भविष्य में इस तरह की हरकत नहीं दोहराने का भरोसा दिलाया। थंपू ने इस बात की पुष्टि की कि पीड़िता ने उनके समक्ष शिकायत की थी।
हालांकि उन्होंने कुमार को बचाने की कोशिश करने के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मामला कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति को भेज दिया गया है, जो इस तरह की शिकायतों को देखती है और मुद्दे की पड़ताल की जा रही है।’ थंपू ने कहा, ‘लड़की ने मेरे समक्ष मामले को उठाया था लेकिन लिखित में इस बात पर जोर दिया था कि मुद्दे को यौन उत्पीड़न का मामला नहीं बनाया जाए बल्कि केवल यह सुनिश्चित किया जाए कि उसकी पीएचडी समय पर पूरी हो।’