सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गोवा की एक अदालत से कहा कि तहलका पत्रिका के संस्थापक तरुण तेजपाल के खिलाफ 2013 के कथित बलात्कार के मामले में गवाहों से पूछताछ की प्रक्रिया शुरू करे। अदालत ने कहा कि इस मामले में मुकदमे की सुनवाई पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। शीर्ष अदालत ने बंबई हाई कोर्ट से कहा कि तरुण तेजपाल द्वारा उसके खिलाफ आरोप निर्धारित किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर तीन महीने के भीतर फैसला किया जाए। हाई कोर्ट ने पहले गोवा की अदालत से कहा था कि गवाहों से पूछताछ नहीं की जाए। तेजपाल पर आरोप है कि उन्होंने 2013 में गोवा के पांच सितारा होटल की लिफ्ट में अपनी एक पूर्व सहयोगी का यौन उत्पीड़न किया। तेजपाल ने इस बारे में सारे आरोपों से इनकार किया है। न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की पीठ के समक्ष यह मामला बुधवार को सुनवाई के लिए आया तो तेजपाल के वकील ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने निचली अदालत से कहा है कि इस मामले मे गवाहों से पूछताछ नहीं की जाए।
तेजपाल की ओर से वरिष्ठ वकील अमन लेखी और वकील प्रमोद कुमार दुबे ने कहा कि उन्होंने किसी भी तरह से इस मुकदमे की सुनवाई में विलंब नहीं किया है और इस प्रकरण में अभियोजन के 151 गवाह है। लेखी ने यह भी दावा किया कि होटल की लिफ्ट के बाहर गलियारे में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज पुलिस ने रोक ली है। दूसरी ओर राज्य सरकार के वकील ने कहा कि अभी तक किसी भी गवाह से पूछताछ नहीं हुई है और तेजपाल ने इस मामले में आरोप निर्धारित किए जाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस मामले में अभियोजन के 151 गवाह हैं लेकिन सुनवाई के दौरान इनमें से कई के नाम हटाए जा सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि उसने पहले कहा था कि इस मुकदमे की सुनवाई एक साल के भीतर पूरी होनी चाहिए परंतु अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है। पीठ ने कहा कि यह आम अनुभव है कि जब भी आरोपी को जमानत दे दी जाती है तो वह मुकदमे की सुनवाई पूरी कराने की जल्दी में नहीं होता है। पीठ ने साथ ही स्पष्ट किया कि वह यह नहीं कह रही है कि तेजपाल इस मामले में विलंब कर रहे हैं। पीठ ने हाई कोर्ट से कहा कि उसके समक्ष लंबित पुनरीक्षण याचिका का यथाशीघ्र लेकिन किसी भी स्थिति में तीन महीने के भीतर निबटारा किया जाए। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस बीच मुकदमे पर कोई रोक नहीं होगी और निचली अदालत कानून के अनुसार गवाहों से पूछताछ कर सकती है। गोवा की अदालत ने इस साल सितंबर में तेजपाल के खिलाफ कथित बलात्कार और गलत तरीके से रोकने के मामले में आरोप निर्धारित किए थे। तेजपाल को अपराध शाखा ने 30 नवंबर, 2013 को गिरफ्तार किया था और वे मई, 2014 से जमानत पर हैं।