अरविंद केजरीवाल के काम से दिल्ली वाले खुश हैं। इसका पता एक सर्वे में लगा है। यह सर्वे इंडिया टुडे की तरफ से कराया गया था। दिल्ली में किए गए सर्वे के मुताबिक सर्वे में हिस्सा लेने वालों में से 41 फीसदी लोग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कामकाज से खुश हैं। इसका मतलब ये है कि 41 फीसदी लोग सीएम अरविंद केजरीवाल को आगे दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।  लोकप्रियता के मामले में केजरीवाल की दिल्ली के दूसरे नेताओं से तुलना की जाए तो वह अपनी सबसे करीबी प्रतिद्वंदी दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित से बहुत आगे हैं। सर्वे में हिस्सा लेने वाले लोगों में से शीला दीक्षित को केवल 19 फीसदी लोग ही मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। इस मामले में बीजेपी का कोई भी नेता अरविंद केजरीवाल के आसपास नहीं हैं।

सर्वे में हिस्सा लेने वाले केवल 13 फीसदी लोग ही चाहते हैं कि केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन को दिल्ली का अगला सीएम बनाया जाए। वहीं मनोज तिवारी तो लोकप्रियता के मामले में दो डिजिट वाला नंबर भी नहीं छू पाए और 9 फीसदी पर ही अटक गए। मतलब कुल मिलाकर 9 फीसदी लोग ही हैं जो मनोज तिवारी को सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं। PSE सर्वे के मुताबिक केजरीवाल के नेतृत्व वाली मौजूदा AAP सरकार के कामकाज से दिल्ली के 41 फीसदी वोटर संतुष्ट हैं। सर्वे के 35 फीसदी प्रतिभागियों ने केजरीवाल सरकार के कामकाज पर नाखुशी जताई। वहीं, 21 फीसदी वोटरों ने इसे औसत बताया।

सर्वे में दिल्ली के लोगों का सबसे बड़ा मुद्दा सफाई का रहा। लोगों ने नाली नालों की सफाई को बड़ा मुद्दा बताया। इसके अलावा दिल्ली वासियों ने पीने के पानी की समस्या, प्रदूषण, महंगाई को भी बड़े मुद्दों के तौर पर बताया। वहीं सर्वे में 38 फीसदी लोगों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। इसके अलावा 5 फीसदी वोटरों ने केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा 22 फीसदी लोगों ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।