केरल में बीजेपी की बूथ कमेटियों को आरएसएस की शाखा में बदले जाने को लेकर पार्टी नेताओं के बीच विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। तर्क दिया जा रहा है कि इससे बीजेपी के लोकतांत्रिक छवि को नुकसान पहुंच सकता है। इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व से हस्तक्षेप की उम्मीद की जा रही है। राज्य के नेताओं ने इस पर चिंता जताई है। वहीं कुछ का मानना है कि इसके पीछे केरल बीजेपी के अध्यक्ष कुम्मानम राजशेखरन का समर्थन है। कहा जा रहा है इस मुद्दे को 23 अगस्त को होने वाली मीटिंग में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने उठाया जा सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में राजशेखरन ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि बूथ कमेटी की मीटिंग लोकतांत्रिक प्रक्रिया के आधार पर होती है, इसमें कुछ भी सीक्रेट नहीं है। हालांकि की बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी की बूथ कमेंटियों की मीटिंग आरएसएस की शाखाओं की तरह शुरू होती है। उनका कहना है कि आरएसएस की शाखा की तरह ही गीत, ग्रुप डिस्कशन और मीटिंग की सामप्ति ‘नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे’ से होती है। सूत्रों का कहना है कि कुछ बूथ कमेटियों में फिजीकल ट्रेनिंग को छोड़कर शाखा के सभी रूटीन फॉलो किए जाते हैं। नेताओं का कहना है कि यह ट्रेंड दूसरी कम्युनिटी से ताल्लुक रखने वाले बीजेपी समर्थकों को परेशान कर सकता है, जो कि आरएसएस की विचारधारा को नहीं मानते हैं।
राज्य के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर बीजेपी एक राजनीतिक पार्टी की तरह बढ़ना चाहती है तो उसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करना चाहिए और एक लोकतांत्रिक पार्टी की तरह चलना चाहिए। उसे आरएसएस की तरह नहीं बनना चाहिए।