प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार (24 अक्टूबर) को कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक बैठक में पहली बार हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में पार्टी के चुनाव प्रचार की जानकारी ली। यह बैठक कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने बुलाई थी। प्रियंका ने इसमें शामिल होकर सबको चौंका दिया। इसके बाद एक बार फिर से उनके आने वाले चुनावों में बड़ी भूमिका निभाने की अटकलें शुरू हो गई हैं। बैठक के तुरंत बाद कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लेकर किए गए असेसमेंट में सुधार किया। राहुल ने जुलाई में अखिलेश को अच्छा व्यक्ति बताया था। गुलाम नबी आजाद ने भी कहा था कि उनकी छवि साफ है। सोमवार को कांग्रेस ने कहा कि अखिलेश अच्छे व्यक्ति हो सकते हैं लेकिन वे अच्छे मुख्यमंत्री नहीं हैं।
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सूत्रों के अनुसार बैठक में प्रियंका ज्यादा नहीं बोलीं। इसमें यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर, सीएम पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित, संयोजन और प्रचार कमिटियसों के प्रमुख, कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शामिल हुए। बैठक तीन घंटे तक चली। इसमें शामिल हुए एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ”उन्होंने (प्रियंका) ने सवाल किए। उन्होंने किसान मांग पत्र के रेस्पॉन्स के बारे में पूछा। साथ ही उत्तर प्रदेश में शुरू की गई यात्राओं की जानकारी भी लीं।” बैठक में पार्टी के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर शामिल नहीं हुए।
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सूत्रों के अनुसार बैठक में प्रियंका के प्रचार करने को लेकर कोई बात नहीं हुई। हालांकि पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि वे प्रचार में शामिल होंगी। बैठक में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भी चर्चा हुई। इस पर माना गया कि इसका केवल शहरी क्षेत्रों में असर है, ग्रामीण इलाकों में लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा, ”वह राय बरेली और अमेठी में प्रचार कर रही हैं। वह सांगठनिक गतिविधियों के बारे में जानकारी रखती हैं। राय बरेली और अमेठी से बाहर प्रचार और पार्टी में भूमिका को लेकर फैसला उन्हें करना है। यूपी में काफी लोगों ने उनसे बड़ी भूमिका निभाने को कहा है।”
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शीला दीक्षित ने कहा कि वह प्रियंका के यूपी में प्रचार करने का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। उनके प्रचार से बड़ा सकारात्मक असर पड़ेगा। सपा में मतभेदों के बारे में उन्होंने कहा कि यह पारिवारिक मसला है। सपा में बंटवारे के सवाल उन्होंने कहा कि देखते हैं कि आगे क्या होता है। इस बारे में चर्चा नहीं हुई है। यह मसला कैसे समाप्त होगा यह किसी को पता नहीं।”
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