दिल्ली में डेंगू का प्रकोप जारी है और छह वर्षीय एक लड़के तथा एक महिला की मौत के साथ इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 11 तक पहुंच गई है। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार आपातकालीन स्थिति के दौरान निजी अस्पतालों का अस्थाई नियंत्रण हासिल करने के वास्ते एक कानून लाने पर विचार कर रही है।
दक्षिणी दिल्ली के श्रीनिवासपुरी निवासी छह वर्षीय अमन शर्मा की डेंगू से मौत हो गई। उसके माता-पिता ने आरोप लगाया कि तीन निजी अस्पतालों- मैक्स साकेत, मूलचंद और बत्रा अस्पताल ने यह कहकर उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया था कि उनके यहां बिस्तर नहीं हैं। रविवार को उसकी ओखला स्थित होली फैमिली अस्पताल में मौत हो गई।
पिछले हफ्ते सात वर्षीय अविनाश राउत की डेंगू से मौत हो गई थी। उसे पांच अस्पतालों ने भर्ती करने से मना कर दिया था। उसकी मौत के बाद उसके माता पिता ने आत्महत्या कर ली थी। इस घटना से लोगों में बड़े पैमाने पर रोष फैल गया था।
डेंगू से लोक नायक अस्पताल में 29 वर्षीय एक महिला के भी मरने की खबर है। इस मौत के बाद शहर में डेंगू से मरने वालों की संख्या 11 तक पहुंच गई है। अस्पताल अधिकारियों के अनुसार उत्तर पश्चिमी दिल्ली निवासी महिला कल शाम अस्पताल में भर्ती हुई थी और कुछ ही मिनटों के भीतर उसकी मौत हो गई।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. योगेश कुमार सरीन ने कहा, ‘‘महिला को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। उसके पास एक अस्पताल की रिपोर्ट थी। उसके अनुसार वह डेंगू पॉजीटिव थी।’’
डेंगू के मामलों के लगातार बढ़ने के बीच केजरीवाल ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल और डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान का औचक दौरा किया और बाद में कहा कि डेंगू रोगियों का उपचार करने से इनकार करने वाले निजी अस्पतालों को ‘‘बख्शा’’ नहीं जाएगा।
दिल्ली सरकार ने डेंगू के मद्देनजर सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि बच्चे अगले एक महीने तक एहतियाती कदम के तौर पर पूरी बाजू की कमीज, फुल पेंट और सलवार कमीज पहनकर आएं, ताकि मच्छरों के काटने से बचा जा सके।
इस संबंध में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए। यह कदम तब आया है जब दिल्ली में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इस साल इस महीने तक रोगियों की संख्या कम से कम 1,872 तक हो गई है।
सिसोदिया ने स्कूलों को निर्देश दिए कि वे बच्चों को किसी भी रंग की पूरी बाजू की कमीज पहनने दें, चाहे वह स्कूल ड्रेस हो या नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘माता-पिता अपने बच्चों को पूरी बाजू के कपड़ों में भेजें और सरकार सुनिश्चित करेगी कि ड्रेस के रंग को लेकर बच्चे को कोई समस्या न हो।’’
आदेश दिल्ली सरकार, नगर निगम संचालित, निजी स्कूलों, सहायता प्राप्त, गैर सहायता प्राप्त, सभी विद्यालयों पर लागू होगा। सिसोदिया ने सुबह के समय पर्यावरण मंत्री असीम अहमद खान के साथ विभिन्न स्कूलों का औचक दौरा करने के बाद यह निर्णय किया।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह दुखद है। हम अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में अंधे हो गए हैं। हमें अपनी मानवता को नहीं भूलना चाहिए। यदि अस्पताल ने बच्चे को उपचार किया होता तो कुछ नहीं होता। क्या इससे उनके मुनाफे पर बहुत अधिक असर पड़ जाता?’’
रोगियों का उपचार करने से इनकार करने वाले अपतालों को दंडित करने की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार एक ऐसा कानून लाने पर विचार कर रही है जिससे कि आपातकालीन स्थितियों में निजी अस्पतालों का अस्थाई नियंत्रण लिया जा सके।
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह डेंगू रोगियों के उपचार से इनकार करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे और रोगियों से अनुचित पैसे वसूलने वाले स्वास्थ्य संस्थानों की नकेल कसे।