प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि वह उनके नाम से गुजरात में मंदिर बनाए जाने की खबर से स्तब्ध और दुखी हैं और इसके बाद उनके समर्थकों ने अपनी योजना रद्द करते हुए मंदिर से उनकी प्रतिमा हटाने का फैसला किया।
मोदी ने उनके नाम पर मंदिर बनाए जाने को भारतीय संस्कृति और परंपराओं के विरुद्ध बताते हुए ऐसा नहीं करने का आग्रह किया और कहा कि अगर लोगों के पास संसाधन हैं तो वे उन्हें स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने में लगाएं।
मोदी ने उनके नाम पर राजकोट में मंदिर बनाए जाने की खबरों पर कहा, ‘‘मेरे नाम पर मंदिर बनाए जाने के बारे में खबर देखी। मैं स्तब्ध रह गया। यह विस्मयकारी और भारत की महान परम्पराओं के विरुद्ध है। हमारी संस्कृति हमें ऐसे मंदिर बनाने की सीख नहीं देती। व्यक्तिगत रूप से इसने मुझे दुखी कर दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करने वालों से मैं आग्रह करूंगा कि वह ऐसा न करें। अगर आपके पास समय और संसाधन हैं तो कृपया उनका उपयोग एक स्वच्छ भारत बनाने के हमारे सपनों को पूरा करने की दिशा में करें।’’
उनकी प्रतिक्रिया इस खबर के बाद आई है कि गुजरात में राजकोट में मोदी के समर्थकों ने उनके नाम पर एक मंदिर बनाया है। यह मंदिर कोठारिया मार्ग पर स्थित है जिसके गर्भ गृह में मोदी की आवक्ष प्रतिमा लगी है और 16 फरवरी को इसका उद्घाटन किए जाने की योजना है।
प्रधानमंत्री की उक्त प्रतिक्रिया के बाद इस मंदिर का निर्माण करने वाले ‘ओम युवा ग्रुप’ ने 15 फरवरी को इसका उद्घाटन किए जाने के कार्यक्रम को तुरंत रद्द करने की घोषणा की। आयोजकों ने फिलहाल मोदी की मूर्ति को ढंकने और मोदी की मूर्ति की जगह अब ‘‘भारत माता’’ की मूर्ति स्थापित करने का फैसला किया है।
इस ग्रुप के नेता रमेश उन्धाद ने मोदी की प्रतिमा की जल्द हटाने के निर्णय के बारे में बताया, ‘‘हमें इस बात का दुख है कि हमने अपने ‘भगवान’ (मोदी) की भावनाओं को ठेस पंहुचाई। उनकी ओर से नाखुशी जाहिर करने के बाद हमने उनकी प्रतिमा को ढक दिया है।’’
इसी ग्रुप के एक अन्य सदस्य जयेश पटेल ने कहा कि यह मंदिर अब ‘‘भारत माता’’ को समर्पित होगा और मोदी की प्रतिमा की जगह अब ‘भारत माता’ की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करते हैं और उनके स्वच्छ भारत अभियान का पूरा समर्थन करते हैं।
कोठारिया ग्राम पंचायत ने 350 वर्ग गज भूमि ‘भारत माता’ का मंदिर निर्मित करने के लिए इस समूह को दी थी लेकिन बाद में उन्होंने वहां मोदी को समर्पित मंदिर बनाने का निर्णय किया।