जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी की मांग पर विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय का नाम बीआर अंबेडकर पुस्तकालय करने की सहमति दे दी। कैंपस में वामपंथी समूहों के साथ वैचारिक जंग में शामिल एबीवीपी ने अप्रैल में मांग की थी कि वहां भारतीय संविधान निर्माता की एक प्रतिमा भी लगायी जाए।

विश्वविद्यालय की पुस्तकालय कमेटी ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जिसे आज विश्वविद्यालय की विधिक फैसला लेने वाली कार्यकारिणी परिषद के सामने रखा गया। परिषद के एक सदस्य ने कहा, ‘‘प्रस्ताव को आज परिषद के सामने रखा गया और केंद्रीय पुस्तकालय का नाम बी आर अंबेडकर पुस्तकालय करने पर सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गयी।’’

कैंपस में सक्रिय वामपंथी समूहों ने एबीवीपी की मांग को ‘‘विंडबनापूर्ण’’ बताते हुए आरोप लगाया कि अजीब है कि सरकार एक तरफ अंबेडकरवादी राजनीति करने वाले छात्रों को आतंकित कर रही है जबकि दूसरी ओर उसकी छात्र शाखा अंबेडकर का मुद्दा हथिया रही है।

एबीवीपी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मानव संसाधन विकास मंत्री को एक पत्र लिखकर लाइब्रेरी का नाम अंबेडकर के नाम पर करने के अलावा सभागार एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर और स्टेडियम ग्राउंड स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के नाम पर रखने की मांग की थी। हालांकि परिषद के सदस्यों ने दावा किया कि सभागार और स्टेडियम ग्राउंड के नाम के बारे में आज कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया।