नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश दिए हैं दिल्ली-NCR में 15 साल से पुराने सभी डीजल वाहनों को बाहर करने का आदेश दिया है। NGT ने यह भी कहा है कि इन गाड़ियों को देश के अन्य हिस्सों में बेचे जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। 19 जुलाई को एनसीआर से डीजल गाड़ियों को बाहर करने के फैसले को बढ़ाते हुए NGT ने ट्रांसपोर्ट अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 10 से 15 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाए, ताकि उन्हें NCR से बाहर बेचा जा सके। ट्रिब्यूनल ने यह साफ किया है 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों का डि-रजिस्ट्रेशन ‘प्रभावी और बिना किसी गलती के होना चाहिए।’
NGT चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को ऐसी जगहों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं जहां ‘कम से कम वाहन घनत्व’ और वायु प्रदूषण के फैलाव की आशंका ज्यादा है। ट्रिब्यूनल ने कहा, ‘हम राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने और उन्हें अपनी वेबसाइट पर डालने का आखिरी मौका देते हैं।’ ऑर्डर में यह भी साफ किया गया कि 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों को NCR में दौड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकि इन वाहनों को डि-रजिस्टर नहीं किया जाएगा।
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बेंच ने दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) को निर्देश दिए कि वह वाहनों की पार्किंग के लिए DTC और ट्रैफिक पुलिस को जगह उपलब्ध कराए। बेंच ने यह भी कहा कि उसके आदेशों का केन्द्र और दिल्ली सरकार द्वारा पालन न किए जाने से वह निराश हैं। NGT ने कहा, ‘अापने कुछ भी नहीं किया है। सच यही है कि आप कुछ करना ही नहीं चाहते। जमीनी हकीकत यह है कि सरकारी तंत्र काम ही नहीं करना चाहता।’ बेंच ने यह भी जोड़ा कि दिल्ली सरकार ने वाहनों की संख्या की सीमा तय करने पर कोई जवाब नहीं दिया है।