प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद रविवार (30 जून, 2019) को पहली बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश की जनता को संबोधित किया। कार्यक्रम के बीच में पीएम मोदी ने यह भी बताया कि वह चुनाव के दौरान केदारनाथ क्यों गए। पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव के दौरान आपसे बात नहीं कर पाने का अफसोस रहा। उन्होंने आगे कहा, ‘कई सारे संदेश पिछले कुछ महीनों में आए हैं, जिसमें लोगों ने कहा कि वो ‘मन की बात’ को मिस कर रहे हैं। जब मैं पढता हूं, सुनता हूं तो मुझे अच्छा लगता है। मैं अपनापन महसूस करता हूं। मुझसे कई लोगों ने पूछा कि आप बीच में केदारनाथ क्यों चले गए? चुनाव की आपाधापी में मैं चल पड़ा। कई लोगों ने इसके राजनीतिक अर्थ निकाले। लेकिन मैं तब खुद से मिलने चला गया था। मन की बात के कारण जो खालीपन था। उसे केदारनाथ की खाली गुफा ने भरने का मौका दिया।’
बता दें कि पीएम मोदी ने देश में पानी की समस्या से जुड़ी चुनौती का भी जिक्र किया। उन्होंने लोगों से स्वच्छता आंदोलन की तरह ‘जल संरक्षण’ आंदोलन चलाने और जल संरक्षण के पारंपरिक तरीकों को साझा करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का डाटा बैंक बनाने की भी बात कही। मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे इस बात की ख़ुशी है कि हमारे देश के लोग उन मुद्दों के बारे में सोच रहे हैं, जो न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी बड़ी चुनौती है।’’
उन्होंने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘मेरा पहला अनुरोध है कि जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘देशवासियों से उनका दूसरा अनुरोध यह है कि देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। आप सभी से जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को साझा करने का आग्रह करता हूँ ।’’ जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का, स्वयं सेवी संस्थाओं का, और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी का, उनकी जो जानकारी हो, उसे आप #जलशक्ति4जलशक्ति के साथ शेयर करें ताकि उनका एक डाटाबेस बनाया जा सके। (भाषा इनपुट)