उरी हमले के दो दिन बाद ही इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक नजर आई। मंगलवार को एक अज्ञात शख्स एयरपोर्ट के रनवे एरिया के आस-पास लगभग आधे घंटे तक घूमता रहा और किसी सुरक्षाकर्मी की नजर उस व्यक्ति पर नहीं पड़ी। जिस क्षेत्र में यह व्यक्ति घूम रहा था वहां पर सेट्रल इंडस्ट्रियल सेक्योरिटी फोर्स पर्सनल की भारी सुरक्षा रहती है। इसके अलावा यहां पर वॉचटॉवर्स से भी निगरानी रखी जाती जाती है। इतनी सुरक्षा के बावजूद किसी की भी नजर इस व्यक्ति पर नहीं पड़ी।
इस व्यक्ति की मौजूदगी का पता तब चला जब पेरीमीटर इंट्रूशन डिटेक्शन सिस्टम (PIDS) के जरिए एक अलार्म बजा जिसके बाद आनन-फानन में वॉचटॉवर नंबर 19 और 20 की नजर इस व्यक्ति पर पड़ी और क्विक रिस्पांस टीम को तुरंत सूचित किया गया। इसके बाद तकरीबन आधा घंटा और उस व्यक्ति तक पहुंचने में लगा। इस आदमी की पहचान संग्राम सिंह के रुप में की गई। संग्राम मध्य प्रदेश के सागर जिले का रहने वाला है। इसके बाद संग्राम को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया। संग्राम से की गई पूछताछ में कुछ भी संदिग्ध जानकारी नहीं मिली है। एयरपोर्ट के एक वरिष्ट सुरक्षाकर्मी ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 8 बजे इस व्यक्ति की मौजूदगी का पता चला और सुबह 9.30 बजे गेट नंबर 10 के पास उसे पकड़ लिया गया। सवाल करने पर व्यक्ति ने अपना नाम संग्राम सिंह बताया। हालांकि उसके पास कोई पहचान पत्र नहीं था जो उसके नाम की पुष्टि कर सके। इसके बाद उसे दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने उसे आईपीसी की धारा 447 क्रिमिनल ट्रेसपास के तहत गिरफ्तार किया। पुलिस के अलावा इंटेलिजेंस एजंसियों ने भी इस व्यक्ति से पूछताछ की। इसके बाद इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला गया। सिंह ने बताया कि वह मध्य प्रदेश जाने के लिए ट्रेन पकड़ना चाहता था। पर वह एयरपोर्ट के क्षेत्र में क्यों घुसा इसका कारण पता नहीं चल सका है। एक वरिष्ठ CISF अधिकारी ने सुरक्षा में हुई चूक को स्वीकार करते हुए कहा कि सिंह का सुरक्षित क्षेत्र में प्रवेश करना हमारी सुरक्षा में खामी को दर्शाता है। PIDF अलार्म उस वक्त नहीं बजा जब सिंह एयरपोर्ट में प्रवेश किया।
