लेफ्ट विचारधारा वाले छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के एक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े लोगों ने उस पर हमला कर दिया। आइसा नेता का आरोप है कि करीब 16 लोग बुधवार देर रात उसके हॉस्टल रूम में घुस आए और मारपीट की, जिसके बाद उसके चेहरे पर 6 टांके लगे हैं। इस मामले में दिल्ली के वसंत कुंज (उत्तर) पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि इस मामले में आईपीसी की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाने) और धारा 341 (गलत तरह से क्रूरता दिखाने) के तहत अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। फिलहाल मामले की जांच चल रही है। हालांकि, एबीवीपी ने इस घटना में हाथ होने से इनकार कर दिया।

शिकायतकर्ता का नाम विवेक पांडे बताया गया है और वह जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में एमए का छात्रा है। उसने बताया कि घटना रात करीब 1.30 बजे के आसपास हुई, जब वह माही मांडवी हॉस्टल में अपने कमरे में था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, बुधवार देर रात कुछ लोगों ने दरवाजा खटखटाया और नाम लेकर उसे बाहर बुलाया। जैसे ही उसने दरवाजा खोला तो कुछ लोग बिना वजह ही उस पर चिल्लाने लगे। एफआईआर में कहा गया है कि मारपीट करने वाले सभी लोग नशे में थे। कुछ ही देर बाद अन्य लोग भी आ गए और उन्होंने कड़े से छात्र को पीटना शुरू कर दिया। एक घूंसा छात्र के चेहरे पर भी लगा, जिससे घाव हो गया।

जेएनयू छात्र विवेक पांडे ने एबीवीपी के लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया है। (फोटो- AISA)

शिकायतकर्ता ने एफआईआर में चार लोगों के नाम भी लिए और दावा किया कि वे एबीवीपी से जुड़े हैं। उसने बताया कि घटना के बाद पुलिस, सिक्योरिटी और वॉर्डन कमरे में पहुंचे। शिकायत के बाद उन्होंने मारपीट करने वाले एक व्यक्ति का फोन चेक किया, जिसमें एबीवीपी नेता का मैसेज था और उसमें निशाना बनाए गए छात्र की पूरी जानकारी दी गई थी। घटना के बारे में पूछने पर माही मांडवी हॉस्टल के वॉर्डन सौम्यजीत रे ने बताया कि उन्हें ऐसे किसी मैसेज के बारे में याद नहीं, पर फोन की चेकिंग जरूर की गई थी।

एबीवीपी ने खारिज किए सभी आरोप, कहा- ऐसा चलता रहा तो मानहानि का केस करेंगे
एबीवीपी के जेएनयू अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिन चार लोगों के बारे में कहा गया है कि उनका एफआईआर से कोई लेना-देना नहीं है। हमें इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए एबीवीपी को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराना बेतुका है। अगर सच में कुछ हुआ है, तो यूनिवर्सिटी प्रशासन को निष्पक्ष इंक्वायरी करानी चाहिए, वर्ना अगर यह सब चलता रहा तो हम इस मामले में मानहानि का केस करेंगे।