कोरिया और भारत के लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालयों के द्विपक्षीय कार्य समूह की गुरुवार को राजधानी में पहली बैठक हुई। बैठक का आयोजन दोनों देशों के बीच जून 2010 में हुए सहयोग के समझौता ज्ञापन के आधार पर हुआ। कोरिया के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वहां के लघु व मध्यम उद्यम मंत्री यंग-सूप-जू ने किया जबकि भारतीय प्रतिनिधि मंडल की अगुआई सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यम मंत्री कलराज मिश्र ने की। मिश्र के साथ उनके दोनों राज्य मंत्री हरी भाई चौधरी और गिरिराज सिंह भी थे। बैठक में दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने एक दूसरे की नीतियों की बेहतर समझ के लिए विस्तार से अपनी-अपनी नीतियां बताई। तकनीक अंतरण, संयुक्त उद्यम, व्यवसाय संधि, प्रदर्शनी में भागीदारी और व्यापार मेलों के आयोजन से दोनों देशों के बीच मैत्री व व्यवसायिक संबंध मजबूत करने पर सहमति दिखी।
अनुसंधान एवं विकास के लिए सहायता देने के उद्देश्य से भी दोनों पक्ष नीतियां बनाने और योजनाओं पर अमल करने को इच्छुक दिखे। कोरिया के प्रतिनिधि मंडल ने स्टार्टअप कंपनियों के लिए सहयोग देने का प्रस्ताव किया। तय हुआ कि आइंदा कार्य समूह की हर दो वर्ष में एक बैठक जरूर होगी। इससे पहले बुधवार को कनाडा की लघु व मध्यम मंत्री बर्दीश चागर ने भी कलराज मिश्र से मंत्रणा की थी। उनका स्वागत करते हुए मिश्र ने कनाडा में बसे भारतीयों के अपने देश में निवेश का जिक्र किया था। भारत के सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम कनाडा को काफी निर्यात करते हैं। मिश्र ने कनाडा के प्रतिनिधि मंडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई मेक इन इंंडिया, स्किल इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और डिजीटल इंडिया के बारे में जानकारी दी थी। कनाडा के उद्यमियों को भारत में निवेश पर दिए जाने वाले प्रोत्साहनों के बारे में अवगत कराया था।