जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक में धरने-प्रदर्शन पर लगी रोक पर छात्र संघ और जेएनयू प्रशासन एक बार फिर आमने-सामने है। बाइस घंटे अपने दफ्तर में सहयोगियो के साथ बंधक बनाए गए कुलपति अब इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। दरअसल इस मामले के बाद जेएनयू प्रशासन ने जेएनयू छात्र संघ को निर्देश पत्र जारी कर प्रशासनिक ब्लॉक में किसी भी विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने कहा था कि प्रशासनिक ब्लॉक के पास ये गतिविधियां न करें,अन्यथा विवि नियमों के मुताबिक आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें कहा गया कि जेएनयू के प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर होने वाले प्रदर्शनों के कारण जेएनयू के अंदर काम करने वाले और जेएनयू के आसपास के लोगों ने प्रशासन से शिकायत की है कि इससे वे परेशान होते हैं। इससे शोर होता है और रोजमर्रा के कार्य प्रभावित होते हैं। साथ ही लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। लिहाजा छात्र संघ को कहा गया है कि अब वह प्रशासनिक ब्लॉक में कोई धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे।
छात्र संघ ने इसका अनिश्चितकालीन विरोध जारी रखने का एलान करते हुए बुधवार को कहा कि वे पीछे नहीं हटेंगे। कुलपति के सर्कुलर को तानाशाही फरमान बताते हुए उसे मानव अधिकार का उल्लंघन बताया। छात्र इस रोक के बावजूद प्रशासनिक ब्लॉक में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। सनद रहे कि एमएससी के प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद के लापता होने के मुद्दे पर विश्वविद्यालय प्रशासन की कथित निष्क्रियता के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। वे 15 अक्तूबर को विश्वविद्यालय परिसर से लापता हैं जिसके पहले एबीवीपी सदस्यों ने छात्रावास चुनाव प्रचार के दौरान उनकी कथित तौर पर पिटाई की थी।हालांकि जेएनयू ने कहा है कि छात्र संघ चाहे तो ओपन थिएटर, छात्र गतिविधि केंद्र आदि स्थानों पर अपना कार्यक्रम कर सकते हैं। लेकिन छात्र इससे सहमत नहीं हैं। इसके साथ ही अब इस मामले में नजीब के मुद्दे को लेकर बुधवार से छात्र संघ ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया।