बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जेएनयू के छात्रों को भारत के गौरव और राष्ट्रवाद की रक्षा की शपथ लेनी चाहिए। बीजेपी सांसद ने यह बात वीसी के कैंपस में टैंक तैनात करवाने के बयान के सपोर्ट में कही। मीनाक्षी लेखी ने इस मुद्दे को राज्यसभा में जीरो आवर में उठाया। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कुलपति जगदीश कुमार द्वारा यूनिवर्सिटी में एक टैंक खड़ा करने की मांग को विवाद बनाने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कैंपस के अंदर भारत विरोधी नारे लगाए जाते हैं। ऐसी गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती।  यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वाइस चांसलर के विचारों को विवाद बनाया जा रहा है। जेएनयू करदाताओं के पैसे से चलती है। कैंपस के अंदर भारत विरोधी नारे लगाए जाते हैं। यह सीमा पर रक्षा करने वालों का अपमान है।

जेएनयू वाइस चांसलर की मांग को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि विमानों की प्रतिकृति स्कूलों सहित विभिन्न स्थानों पर स्थापित की गई थीं और छात्रों को यह बहुत दिलचस्प लगता है। मेरे बेटे के स्कूल में भी एक विमान था। यह स्टूडेंट्स को उत्साहित करता है।

वीसी की मांग में कुछ भी गलत नहीं है। 16 जुलाई को जेएनयू में कारगिल विजय दिवस को मनाने के लिए एक कार्यक्रम में विदेश मामलों के राज्य मंत्री वी के सिंह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हिस्सा लिया था। कुलपति एम. जगदीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जनरल वीके सिंह से गुजारिश की कि वे विश्वविद्यालय को सेना का एक टैंक दिलवाने में मदद करें।

जेएनयू के वीसी की इस मांग की कई राजनीतिक दलों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने भी आलोचना की। वीसी ने 16 जुलाई को कार्यक्रम में कहा था कि हमारे लिए देश की सुरक्षा के लिए सेना के जवानों के बलिदान को याद करने का ये महत्वपूर्ण दिन है। भारतीय सेना के टैंक की मौजूदगी से यूनिवर्सिटी से गुजरने वाले छात्रों को हमेशा भारतीय सेना के त्याग और बहादुरी की याद आती रहेगी। जेएनयू में 16 जुलाई को पहली बार ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया गया।