दिल्ली पुलिस ने राजद्रोह के मामले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान पटियाला हाउस अदालत परिसर में कथित तौर पर कुछ वकीलों एवं अन्य की ओर से पत्रकारों एवं कुछ अन्य लोगों पर किए गए हमले के सिलसिले में तीन अलग-अलग आरोप-पत्र दाखिल किए हैं। पहले आरोप-पत्र में वकील विक्रम चौहान, यशपाल सिंह और ओम शर्मा को नामजद आरोपी बनाया गया है जबकि दूसरे आरोप-पत्र में भाजपा विधायक ओ पी शर्मा को आरोपी बनाया गया है। तीसरे आरोप-पत्र में भी विक्रम चौहान और यशपाल सिंह को आरोपी बनाया गया है। तीनों वकीलों पर आईपीसी की धारा 147 (दंगा फैलाने), 149 (गैर-कानूनी तरीके से इकट्ठा लोगों द्वारा अंजाम दिया गया अपराध), 323 (जानबूझकर नुकसान पहुंचाना) और 506 (धमकी देना) के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं। भाजपा विधायक पर आईपीसी की धारा 323, 341 और 506 के तहत आरोप दर्ज हुए हैं।
दिल्ली पुलिस ने 15 फरवरी और 17 फरवरी को हुई हिंसा के सिलसिले में चार अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की थी। वकीलों के एक गुट ने पत्रकारों के साथ-साथ जेएनयू के छात्रों एवं शिक्षकों के अलावा अदालत के भीतर और बाहर मौजूद कुछ अन्य लोगों की पिटाई की थी और उन्हें राष्ट्रविरोधी करार दिया था। यह हिंसा उस वक्त भड़की थी जब कन्हैया को अदालत में पेशी के लिए लाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, आरोप-पत्र में कहा गया है कि हिंसा सुनियोजित थी और आरोपियों ने भीड़ को उपद्रव के लिए उकसाया था। आरोप-पत्र में कई सुरक्षाकर्मियों, वकीलों और पत्रकारों को गवाह बनाया गया है। वे घटना के वक्त कथित तौर पर वहां मौजूद थे।