जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में जहां दिल्ली पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, वहीं जेएनयू के वाम छात्र संगठनों ने मंगलवार रात फैसला किया कि विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन पर उन साथियों से पूछताछ करने का दबाव बनाने के लिए सड़क पर उतरा जाए जिन्होंने झगड़े के तुरंत बाद कैंपस में तनावपूर्ण माहौल बना दिया था। आइसा के एक पदाधिकारी ने कहा कि नजीब एक आम छात्र था। वह छात्र राजनीति से दूर था। जिनके साथ वह आखिरी बार देखा गया उन्हें पकड़े बिना नजीब का पता चलना मुश्किल है। पुलिस इस बाबत काम नहीं कर रही है। वहीं पुलिस को डर है कि यह मुद्दा भी कन्हैया प्रकरण जैसा रूप न ले ले। सनद रहे कि कन्हैया की गिरफ्तारी को लेकर तत्कालीन पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी विवाद में आ गए थे।

नजीब को लेकर एक तरफ जहां कैंपस में धरना प्रदर्शन का दौर जारी है, वहीं इसमें शामिल होने वाले छात्र कक्षाओं का भी बहिष्कार कर रहे हैं। जेएनयू के कुछ छात्रों ने अल्पसंख्यक आयोग में भी इस मामले में ज्ञापन दिया है। इसके लिए कई वामपंथी छात्र देश के अन्य विश्वविद्यालयों में जाकर वहां पर छात्रों को एकजुट करने में लगे हैं। दिल्ली में एक बड़ी रैली करने की तैयारी है। वाम धड़े ने इस लड़ाई को जेएनयू से बाहर लाने का एलान कर दिया है, जिसके कारण कैंपस फिर एक बार ‘लाल’ और ‘भगवा’ में बंट चुका है।

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बता दें कि लापता छात्र नजीब का पिछले 15 दिनों से कोई पता नहीं चल सका है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली व आसपास की तमाम दरगाहों पर खोजबीन शुरू की गई है। सूत्रों ने बताया कि सभी बीट अफसरों को जिनके इलाके में दरगाह है, को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि वे चौकसी बरतें। उधर जामिया के छात्र जामिया स्टूडेंट फोरम (जेएसएफ) के बैनर तले नजीब के लिए सड़कों पर उतरे। जेएसएफ ने नजीब के लिए रैली निकाल कर आरोप लगाया कि उसे ढूंढ़ने में दिल्ली पुलिस नाकामयाब रही है। जेएसएफ ने केंद्र सरकार और पुलिस से यह मांग भी की कि नजीब को एबीवीपी के जिन कार्यकर्ताओं ने पीटा था, उन्हें भी जल्द से जल्द गिरफ्तार करें और उनसे नजीब की जानकारी लें। जामिया की सेंट्रल कैंटीन से इंजीनियरिंग विभाग तक निकाले गए मार्च में सैकड़ों छात्रों ने भाग लिया। इस मौके पर एक प्रस्ताव पारित कर आंदोलनकारी छात्रों ने कहा कि जब तक नजीब नहीं मिल जाता जेएसएफ खामोश नहीं बैठेगा।

इस प्रकरण पर जेएनयू छात्र संघ में पूर्व संयुक्त सचिव और एबीवीपी के नेता सौरभ शर्मा ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय के इस्तीफे की मांग की। सौरभ शर्मा का कहना है कि कैंपस इस तरह धर्म के नाम पर कभी नहीं बंटा, लेकिन नजीब प्रकरण में जिस तरह की भूमिका जेएनयू छात्र संघ ने निभाई है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। विद्यार्थी परिषद के सचिव ललित पांडे ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष और वाम समर्थक कुछ शिक्षकों की ओर इशारा करते हुए यह कह कर मामले को नया मोड़ दिया कि गायब छात्र के कैंपस में छिपने की संभावना ज्यादा है।