जिगिशा मर्डर केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 7 साल बाद तीन दोषियों को सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ की कैटेगरी में रखते हुए दो दोषियों को सजा-ए-मौत और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बता दें कि 2009 में आईटी प्रोफेशनल जिगिशा घोष को किडनैप करके उसकी हत्या कर दी गई थी। रवि कपूर, अमित शुक्ला और बलजीत सिंह मलिक को भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, अपहरण, लूटपाट, फर्जीवाड़े और साझा मंशा के अपराधों का दोषी ठहराया गया था।
सोममार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दो दोषियों रवि कपूर और अमित शुक्ला को सजा-ए-मौत और तीसरे शख्स बलजीत मलिक को अजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एडिशनल सेशन जज संदीप यादव ने कहा कि दोषियों ने असभ्य और बर्बर तरीके से अपराध किया। क्रूरता के लेवल, डिग्री और गंभीरता को देखते हुए यह मामला ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ की कैटेगरी में आता है। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार और अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। कोर्ट को लगता है कि इस मामले में उदारता से समाज में गलत संदेश जाएगा। कोर्ट ने इस ध्यान दिलाया कि समाज की सुरक्षा करना कानून का काम है।
गौरतलब है कि 28 वर्षीय जिगिशा एक प्रबंधन कंसल्टंसी फर्म में ऑपरेशंस मैनेजर के रूप में काम करती थी । 18 मार्च 2009 को उसके कार्यालय की कैब ने उसे सुबह करीब चार बजे दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार स्थित उसके घर के पास छोड़ा जिसके बाद उसका अपहरण हो गया और उसकी हत्या कर दी गई। तीन दिन बाद उसका शव हरियाणा के सूरजकुंड के पास स्थित एक जगह से मिला।
Jigisha Ghosh Murder Case: 2 Sentenced To Death… by Jansatta