मणिपुर की कार्यकर्ता ईरोम शर्मिला ने सोमवार को दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्‍होंने कांग्रेस से लड़ने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति के बारे में पूछा। शर्मिला ने हाल ही में 16 साल बाद अनशन खत्‍म किया है। उन्‍होंने चुनाव लड़ने का एलान भी किया है। वे अपनी पार्टी बनाएंगी और चुनाव मैदान में उतरेंगी। केजरीवाल और शर्मिला के बीच मुलाकात 45 मिनट तक चली। केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया, ”ईरोम शर्मिला से मिला। मैं उनके साहस और संघर्ष को सलाम करता हूं। उनके राजनीतिक सफर में मेरी ओर से उन्‍हें शुभकामनाएं और पूरा सहयोग है।”

सूत्रों ने बताया कि शर्मिला ने दिल्‍ली के विधानसभा चुनावों में केजरीवाल की रणनीति के बारे में जानना चाहा। साथ ही पूछा कि किस तरह से उन्‍होंने कांग्रेस और भाजपा का सामना किया। पार्टी नेताओं ने बताया कि शर्मिला के आप में आने का सवाल ही नहीं है। साथ ही मणिपुर में उनके आप का चेहरा बनने की भी कोई संभावना नहीं है। मणिपुर में चुनाव पंजाब और गोवा के साथ होंगे। आप की नजरें पंजाब और गोवा पर हैं। आप के एक सूत्र ने बताया, ”मणिपुर चुनाव न लड़ने का फैसला काफी पहले ले लिया गया था। अब केवल छह महीने बचे हैं इसलिए ब तो पार्टी इस पर अचानक से विचार भी नहीं कर सकती। केजरीवाल शर्मिला का सम्‍मान करते हैं और उनकी लड़ाई का आदर करते हैं।”

शर्मिला के करीबी एक सूत्र ने बताया कि नौ अगस्‍त को अनशन तोड़ने के बाद उनके आप में शामिल होने की अनौपचारिक बातें थी। लेकिन उन्‍होंने बिना किसी गठबंधन के मणिपुर सीएम से मुकाबला करने का फैसला किया। सूत्र ने बताया, ”जहां तक आप प्रमुख से मुलाकात का सवाल है तो वह उन्‍हें अच्‍छा रणनीतिकार मानती हैं और उनके अनुभव से सीखना चाहती हैं। वह भी भ्रष्‍टाचार जैसे मुद्दों पर लड़ेंगी।”