एक पुलिस अफसर समेत तीन लोगों की हत्या के मामले में पमीरत डबास की गिरफ्तारी हुई है। डबास की गिरफ्तारी के बाद जुर्म की दुनिया से उसके पुराने संबंधों से भी पर्दा उठा है। डबास एक हिस्ट्रीशीटर है। दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल और डबास की रग्बी टीम के साथी रह चुके कमलदीप डागर ने डबास के अतीत की कहानी बताई है। डबास राष्ट्रीय स्तर का रग्बी प्लेयर रह चुका है। डागर बताते हैं कि उन दोनों ने आखिरी बार एक साथ 2015 में इंडिया के लिए खेला था। डागर बताते हैं डबास की जिंदगी पटरी से तब उतर गई जब उसे मजबूरन रग्बी से किनारा करना पड़ा। ज्यादा शराब पीने के कारण उसकी सर्जरी करनी पड़ी, जिसके बाद वह कर्ज में डूब गया और जुर्म के रास्ते पर चल पड़ा। सर्जरी के बाद वह दोबारा रग्बी नहीं खेल सकता था और फिर वह वापिस जुर्म की दुनिया में लौट गया।

डागर आगे बताते हैं, “वह बड़ा ही मजबूत और बहादुर खिलाड़ी था। वह बहुत अच्छी रग्बी खेलता था लेकिन सर्जरी के बाद उसके लिए सब कुछ बदल गया।” डबास जुर्म की दुनिया में ‘भांजा’ के नाम से मशहूर था। इस साल मई महीने में मोनू की हत्या के बाद से वह फरार था। डबास 2007 में एक मर्डर केस में गिरफ्तार हुआ था। गिरफ्तारी के बाद डबास तीन साल तक जेल में रहा। जेल से छूटने के बाद उसने रग्बी को अपनी जिंदगी में जगह दी। बकौस डागर वह इस खेल में अपना करियर बनाना चाहता था। उसने कड़ी मेहनत भी की लेकिन ज्यादा पीने की आदत ने सब खत्म कर दिया। डागर ने कहा, “सर्जरी होने के बाद वह गायब हो गया। मुझे शक था कि वह जरूर खराब संगत में पड़ जाएगा। शायद कुछ गलत हुआ या फिर शायद उसमें लालच आ गया था।”

डागर बताते हैं कि वह उन परिस्थियों को समझ सकते हैं जिसमें डबास की जिंदगी पटरी से उतर गई, लेकिन वह कत्ल के आरोपी से सहानुभूति नहीं रख सकते। मोनू, उसका दोस्त अरुण शेट्टी और दिल्ली पुलिस एएसआई विजय सिंह की हत्या के मामले में डबास मुख्य आरोपी है। 30 अप्रैल को तीनों दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में अपनी कार में बैठे थे कि तभी एक बाइक सवार और कार में मौजूद हथियारबंद बदमाशों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।