केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में उजागर कथित घूसकांड के बाद छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा के आवास के बाहर गुरुवार (24 अक्टूबर, 2018) को इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के चार संदिग्धों को पकड़ा गया। सूत्रों के अनुसार, चारों को बुधवार देर रात जनपथ पर वर्मा के आवास के बाहर जासूसी करते देखा गया। गुरुवार सुबह आलोक वर्मा के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने संदिग्धों को कार में बैठने के दौरान पकड़ लिया। फिलहाल इन संदिग्धों के उद्देश्यों का पता नहीं चल पाया है। दिल्ली पुलिस और सीबीआई की टीमें इस मामले की जांच कर रही है।

वहीं आईबी के लोगों की कथित तौर पर आलोक वर्मा के आवास के बाहर मौजूगी पर इंटेलिजेंस ब्यूरो ने त्वरित प्रतिक्रिया दी है। आईबी ने बयान जारी कर कहा है कि वहां जासूसी नहीं की जा रही थी। बल्कि आंतरिक सुरक्षा को लेकर आईबी जानकारी इकट्ठा कर रही थी। ये अधिकारी भी अपनी ड्यूटी पर थे। इसलिए उन्होंने अपने पहचान पत्र साथ में ले रखे थे, यह जासूसी नहीं है। आईबी ने आगे कहा कि उनकी जिम्मेदारी है कि वो उन जानकारियों को इकट्ठा करें जो सार्वजनिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित कर सकती हैं।

एक अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि उनकी यूनिट्स के सदस्यों को नियमित तौर पर संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जाता है। कभी-कभी यह स्थानीय लॉ एनफोर्समेंट एजेंसीज की मदद से भी किया जाता है। सूत्रों ने कहा कि संभावना है कि जिन पुरुषों जिनकी आईडी और फोन ले लिए गए थे, उन्हें आलोक वर्मा के यहां आने वालों की निगरानी करने का काम सौंपा गया था। वहीं अधिकारी का यह भी कहना है कि अगर जासूस होते तो अपनी पहचान साथ क्यों रखते?

बता दें कि सीबीआई में कथित घूसकांड के बीच शीर्ष अधिकारियों के बीच टकराव की स्थिति के मद्देनजर बुधवार को केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया।