अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक पद के चयन समिति से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को हटा दिया गया है। चयन समिति के कुछ सदस्यों के खिलाफ एम्स के एक विभागाध्यक्ष की एक शिकायत व बड़े खेमे के संकाय सदस्यों के विरोध के बाबत यह फैसला किया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री दफ्तर ने पांच सदस्यीय नई चयन समिति का आदेश दिया है, जिसकी अगुआई स्वास्थ्य सचिव करेंगे। एम्स फैकल्टी एसोसिएशन ने नई समिति का स्वागत किया है। चयन समिति की बैठक छह दिसंबर को है।

एम्स के नए निदेशक के चयन के लिए कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अगुआई में एक चयन समिति बनाई गई थी। जिसकी एक बार बैठक भी हो चुकी थी। लेकिन पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री दफ्तर ने नया आदेश निकाल कर समिति का फिर से गठन करने और संपदा विभाग के निर्देशों व नियमों के आधार पर नई चयन समिति बनाने का आदेश दिया। नई समिति की अगुआई केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री के बजाए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा करेंगे।

उच्चस्तरीय आदेश के हिसाब से नई समिति में प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार चिदंबरम, स्वास्थ्य महानिदेशक जगदीश प्रसाद, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की महानिदेशक सौम्या स्वामीनाथन व दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी शामिल हैं। इनमें से तीन सदस्य एम्स की सर्वोच्च कार्य समिति संस्थान समिति का हिस्सा हैं जबकि दो बाहर के हैं। उच्च स्तरीय सूत्रों के मुताबिक, एम्स के एक विभागाध्यक्ष की शिकायत पर यह फेरबदल किया गया है। संकाय सदस्यों के एक बड़े धड़े ने भी चयन समिति के कुछ सदस्यों पर गड़बड़ी करने की आशंका जाहिर करते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराई। गड़बड़ी की आशंका का आधार देते हुए कहा गया कि चयन समिति में ऐसे नाम भी शामिल हैं जिनका एक खास प्रतिभागी से सीधा संबंध है। इसके बाद डॉक्टर एमके भान व स्वास्थ्य मंत्री को हटा कर नई समिति बनाई गई।

शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए नामों के पैनल को संपदा विभाग में भेजा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया। संपदा विभाग ने इस मामले में प्रधानमंत्री दफ्तर से राय मांगी थी। इनके आधार पर पीएमओ ने संपदा विभाग के निर्देश के आधार पर नई समिति बनाने की बात कही। एम्स के एक वरिष्ठ संकाय सदस्य ने कहा कि पिछले चालीस से 45 सालों में करीब छह निदेशकों की नियुक्ति के दौरान कभी ऐसा नहीं था कि स्वास्थ्य मंत्री चयन समिति में नहीं रहे हों। स्वास्थ्य मंत्री एम्स के अध्यक्ष भी होते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जबकि स्वास्थ्य मंत्री चयन समिति से बाहर कि ए गए हैं।

हालांकि निदेशक का चयन करने का फैसला सैद्धांंतिक तौर पर अंतिम रूप से संस्थान समिति करती है। चयन समिति आए आवेदनों की पड़ताल के बाद इनकी सूची बना कर चयन प्रक्रिया शुरू करती है। जिसमें चुने गए नामों को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजती है। प्रधानमंत्री कार्यालय की दखल से फैसला होता है। गौैरतलब है कि एम्स के निदेशक पद के लिए कुल 53 डाक्टरों ने आवेदन किया है। इनमें से 18 आवेदक एम्स से और 35 एम्स के बाहर से हैं।