केंद्र की मोदी सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज को प्रमोट करके आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश पर उससे दोबारा विचार करने के लिए कहा है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पिछले महीने जस्टिस विक्रम नाथ की फाइल लौटाते हुए सरकार ने कोई वजह नहीं बताई।
कोलेजियम की सिफारिश लौटाने का मौजूदा सरकार का शायद यह पहला मामला है। बता दें कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की कई सिफारिशें वापस लौटाई थीं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कोलेजियम ने 8 अप्रैल को यह सिफारिश की थी कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के सबसे सीनियर जज न्यायमूर्ति नाथ को प्रमोट करके आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, ”…आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किये जाने के लिए जस्टिस विक्रम नाथ को कोलेजियम सभी पहलुओं से योग्य पाता है।” कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 17 जुलाई को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया था कि इस साल 9 हाई कोर्ट में चीफ जस्टिसों के पदों के लिए कोलेजियम द्वारा की गई नौ में सात सिफारिशें स्वीकार कर ली गई हैं, जबकि दो नाम प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के तहत पेंडिंग हैं।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्तियों के दो प्रस्ताव प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं। सूत्रों ने बताया कि जस्टिस नाथ की फाइल लौटा दी गई है जबकि जस्टिस अकील कुरैशी को प्रमोट कर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किए जाने पर सरकार द्वारा कोई फैसला लिया जाना अभी बाकी है।
