देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि देश भर में ‘गौरक्षकों’ की करतूतें बढ़ती जा रही है, और ‘गौरक्षक’ अब पीएम नरेंद्र मोदी की भी नहीं सुन रहे हैं। ये बेहद चिंता की बात है। समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने ये बातें कहीं। हामिद अंसारी अपनी किताब ‘डेयर आई क्वेश्चन’ के रिलीज होने से पहले मीडिया से बात कर रहे हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा, “मोदी एक मजबूत नेता है, वे अपनी पार्टी के ऐसे नेता हैं जिनसे कोई सवाल नहीं करता है, यदि उनकी अपील को भी नहीं सुना जाता है तो ये गंभीर चिंता का विषय है, कहने की जरूरत नहीं है कि कुछ ऐसे भी लोग उनकी पार्टी में हैं जो पीएम की नहीं सुन रहे हैं, मैं कोई निष्कर्ष नहीं निकाल रहा हूं।”

पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अपनी इस किताब में कई मुद्दों पर विस्तार से अपनी बात रखी है। हामिद अंसारी ने कहा कि इस किताब में भारतीय राष्ट्रवाद, बहुसंख्यकवाद, सेकुलरवाद, लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई है। बता दें कि हामिद अंसारी इससे पहले के इंटरव्यू में शरिया कोर्ट के समर्थन में बयान दे चुके हैं। यही नहीं उन्होंने कहा था कि अगर कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल हो सकता है तो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाने में क्या बुराई है।

हामिद अंसारी ने अपने इंटरव्यू में कहा कि देश में असहिष्णुता सचमुच में बढ़ी है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ये नहीं कहा जा सकता है कि साम्प्रदायिक खाई केन्द्र में मोदी सरकार के आने के बाद ही बढ़ी है। उन्होंने कहा कि ये खाई काफी लंबे वक्त से मौजूद थी। उन्होंने कहा, “असहिष्णुता हमारे समाज में लंबे समय से है, काफी लंबे समय से, लेकिन मैं समझता हूं कि यदि पानी का स्तर बढ़ता है और पहली बार में आप इसे नहीं देखते हैं तो ये ज्यादा…और ज्यादा बढ़ने लगता है, तब आपका ध्यान जाता है, यहां यही हो रहा है। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक झगड़े और वैमनस्य हर सरकार के कार्यकाल में रहा है। पूर्व उपराष्ट्रपति के मुताबिक जब कहीं भी साम्प्रदायिक दंगा होता है सबसे पहले ये तो असहिष्णुता का नतीजा है और दूसरा मुद्दा प्रशासनिक मशीनरी के फेल होने का।