देश के चोटी के विश्वविद्यालयों में शुमार जामिया मिल्लिया इस्लामिया में स्नातक स्तरीय एक पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया। 9 मई को तुर्की भाषा की प्रवेश परीक्षा का प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्र पहुंचने से करीब एक घंटा पहले ही सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया गया था। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर डालने वाले ने इस प्रश्नपत्र को जवाब के साथ अपलोड किया था। इस बाबत ‘जनसत्ता’ ने परीक्षा नियंत्रक एएए फैजी से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आ चुका है। वे तकनीकी जांच के बाद ही कह सकेंगे कि मामला सही है या नहीं।  जामिया की मीडिया समन्वयक डॉ. सायमा सईद ने इस प्रकरण की जानकारी से असहमति जताई। साथ ही इसे किसी खास व्यक्ति या विभाग को निशाना बनाने की शरारत भरे कदम का अंदेशा जताया। उन्होंने कहा कि परीक्षा खत्म होने के चार दिन बाद यह बात सामने आने का मतलब साफ है कि कोई जानबूझकर विश्वविद्यालय की छवि को खराब करना चाहता है। अगर ऐसी कोई बात होती तो तुरंत आग की तरह फैलती। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को इस बाबत कोई शिकायत नहीं मिली है। बावजूद इसके यदि कुछ भी है तो इसकी जांच होगी और जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

बहरहाल ‘जनसत्ता’ ने इस बाबत पड़ताल की। 9 मई को दोपहर 2:00 बजे से तुर्की भाषा से बीए आॅनर्स की प्रवेश परीक्षा थी लेकिन इस परीक्षा का प्रश्नपत्र और जवाब करीब दोपहर 1:10 मिनट पर निशा अली नामक फेसबुक आइडी से जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक फेसबुक ग्रुप पर अपलोड कर दिए गए। जामिया में मौजूद लोगों के बीच इसकी चर्चा भी शुरू हो गई थी। ज्यादातर लोगों ने पहले इसे फर्जी बताया। परीक्षा खत्म होने के बाद जब अभ्यार्थियों बाहर आए तो उनके प्रश्नपत्र और फेसबुक पर अपलोड किया गया प्रश्नपत्र हूबहू एक जैसा था। जामिया में इन दिनों प्रवेश परीक्षाएं चल रही हैं। इस प्रकरण ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मसलन 9 मई से पहले जितनी भी प्रवेश परीक्षा हुई हैं क्या वे सभी सही तरह से हुई हैं? इस प्रकरण के बाद जामिया का परीक्षा विभाग सवालों के घेरे में है। प्रवेश परीक्षा के लिए सारे इंतजाम परीक्षा नियंत्रक और उनके कार्यालय के जिम्मे है।