दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के तीन सीटों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जीत हासिल की है। जबकि एनएसयूआई के पास सिर्फ एक सीट संयुक्त सचिव के तौर पर गई है। दो साल बाद भी एनएसयूआई को महज एक सीट तक ही सीमित रहना पड़ा है। 2014 और 2015 में सभी चारों सीटों पर एबीवीपी ने बाजी मारी थी। ABVP की तरफ से अध्यक्ष पद पर अमित तंवर, उपाध्यक्ष पद पर प्रियंका, सचिव पद पर अंकित सिंह सांगवान और संयुक्त सचिव के पद पर विशाल यादव खड़े थे। जबकि NSUI की तरफ से अध्यक्ष पद पर निखिल यादव, उपाध्यक्ष पद पर अर्जुन चपराना, सचिव पद पर विनिता ढाका और संयुक्त सचिव पद पर मोहित गिरिड चुनावी मैदान में थे।
डूसू चुनाव में 36 प्रतिशत से अधिक मतदान
इससे पहले शुक्रवार (9 सितंबर) को डूसू चुनाव में 36 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने मतदान किया था। बीते साल के मुकाबले मतदान प्रतिशत में सात प्रतिशत से भी अधिक की कमी दर्ज की गई। पिछले साल 43.3 प्रतिशत छात्रों ने मतदान किया था। इस बीच 44 कॉलेजों में छात्र परिषद चुनाव भी हुए जहां कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई ने 33 कॉलेजों में चुनाव जीता, जबकि 11 कॉलेजों में भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जीत प्राप्त की।
डूसू चुनावों के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी डी एस रावत के मुताबिक सुबह के चरण में 35.89 प्रतिशत विद्यार्थियों ने वोट डाले थे। उन्होंने कहा, ‘दो चरणों में हुआ चुनाव सुचारू रूप से आयोजित हुआ। आयुर्वेदिक एवं यूनानी तिब्बिया कॉलेज में सर्वाधिक मतदान हुआ जो 91 प्रतिशत दर्ज किया गया। सबसे कम मतदान कैंपस लॉ सेंटर 2 में हुआ जहां मतदान का प्रतिशत 6.74 रहा।’
