दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए मंगलवार को हुआ मतदान शांतिपूर्ण रहा। चुनाव के नतीजे आज आने हैं। डूसू मुख्य चुनाव अधिकारी एसबी बब्बर के मुताबिक डूसू चुनाव में इस बार 43 फीसद मतदान हुआ। मतदान के दौरान कोई भी अप्रिय घटना न हो इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। सभी कॉलेजों के अंदर व मुख्य द्वार पर सुरक्षाबलों के जवान तैनात थे। पिछली बार डूसू चुनाव में 39.6 फीसद मतदान हुआ था। पहले चरण में सुबह के कॉलेजों में लगभग 44 फीसद मतदान हुआ, लेकिन सांध्य कॉलेजों में हुए मतदान के बाद यह फीसद कम हो गया। प्रात:कालीन कॉलेजों के 77379 छात्र-छात्राओं में से 34051 छात्र-छात्राओं ने मतदान किया। कैंपस में मतदान एबीवीपी और एनएसयूआइ के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली। दोनों छात्र संगठनों के नेता कैंपस में जमे रहे। डीयू छात्र संघ के कई पूर्व अध्यक्ष भी कैंपस में दिखे। इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने डूसू के अध्यक्ष पद के नतीजे घोषित करने की इजाजत भी दे दी है। छात्र नेताओं ने न तो अदालतों के निर्देश की परवाह की और ना ही लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का खयाल रखा। मसलन रिंग रोड स्थित पीजीडीएवी कॉलेज की हालत ऐसी थी कि यहां बस स्टैंड, फ्लाईओवर और सड़कें पोस्टरों से पटी पड़ी थीं। हालांकि एएनडीसी व एसआरसीसी जैसे कॉलेजों में स्वच्छता का ध्यान रखा गया था।

डूसू चुनाव के शांतिपूर्व निपटने से विश्वविद्यालय प्रशासन ने राहत की सांस ली है। इससे पहले डूसू चुनाव में सुबह के कॉलेजों में अच्छा मतदान हुआ। डूसू चुनाव समिति के मुताबिक, सुबह के 40 कॉलेजों में सुबह 10 बजे से काफी संख्या में छात्रों ने मतदान किया। इन कॉलेजों में दो बजे मतदान खत्म हुआ जबकि सांध्य कॉलेजों में दोपहर 3 बजे से शाम 7:30 बजे तक मतदान हुआ। जानकारी के मुताबिक, सुबह की पाली में 41 कॉलेजों में चुनाव कराए गए, जबकि शाम की पाली में 10 कॉलेजों में मतदान हुआ। डीयू में कुल 81 कॉलेज हैं इनमें से 51 कॉलेजों में डूसू का चुनाव होता है। डूसू मुख्य चुनाव अधिकारी एसबी बब्बर के मुताबिक, चुनाव समिति ने सुबह के सभी कॉलेजों में कुल 248 ईवीएम लगाए थे। ईवीएम में तकनीकी खराबी के कारण शहीद भगत सिंह कॉलेज में मतदान आधे घंटे की देरी से शुरू हुआ। वहीं छात्र नेताओं ने रामजस कॉलेज में चुनाव होने के बावजूद 10 बजे तक प्राचार्य दफ्तर न खुलने का आरोप लगाया। डूसू अध्यक्ष पद के लिए मुख्य प्रत्याशियों में एबीवीपी के रजत चौधरी, एनएसयूआइ के रॉकी तुसीद, आइसा से पारुल चौहान, निर्दलीय राजा चौधरी की किस्मत ईवीएफ में दर्ज हो गई है।