दिल्ली विश्वविद्यालय के दाखिले सत्र की गेंद अब विश्वविद्यालय प्रशासन के पाले में है। यह अलग बात है कि दाखिले में लगे डीन छात्र कल्याण के अधिकारी इससे सहमत नहीं हैं। लेकिन उनका कहना है कि गेंद उनके पाले में नहीं बल्कि ‘आंकड़ों’ के पाले में है। कटआॅफ घटने के प्रयासों पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा अब सब ‘कंप्यूटर जी’ तय करेंगे! अधिकारियों का मानना है कि आंकड़े बताते हैं कि दाखिले का मुकाबला बेहत कड़ा है और सौ फीसद कटआफ से इनकार करना जल्दबाजी होगी। बहरहाल अब सबकी नजर दिल्ली विवि के कटआॅफ पर है, जो 24 जून को आनी है।  आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार भी कटआफ सौ फीसद या उसके आसपास तक पहुंचने के आशंका है। सीबीएसई के आंकड़ों पर गौर करें तो 900 से अधिक छात्रों को अर्थशास्त्र में 95 से 100 फीसद के बीच अंक मिले हैं। अंग्रेजी और हिंदी में भी 95 से 100 फीसद के बीच अंक पाने वाले छात्रों की संख्या में बीते साल की तुलना में इजाफा हुआ है। 95 फीसद से अधिक अंक पाने वाले छात्रों की संख्या 10091, जबकि 90-95 फीसद पाने वाले छात्रों की संख्या 63,247 है। आंकड़े बताते हैं कि डीयू में दाखिले का दंगल आसान नहीं होगा। 95 फीसद से अधिक अंक पाने वाले छात्रों की संख्या बीते साल की अपेक्षा 740 अधिक है, वहीं 90 से 95 फीसद अंक पाने वाले छात्रों की संख्या पिछले साल से 140 कम है। बीकॉम आॅनर्स, इकोनॉमिक्स और अंग्रेजी में कटआॅफ छलांग लगा सकता है।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले साल की तुलना में इस बार कम आवेदन आए हैं लेकिन कुछ विषयों में बीते साल की तुलना में आवेदनों में बढ़ोतरी हुई है। कई विषयों में मारामारी ज्यादा बढ़ी है। मसलन इस बार बीए प्रोग्राम, बीकॉम और अंग्रेजी में आवेदन करने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बता दें कि डीयू में इस बार एक सीट पर चार आवेदक हैं लेकिन कई विषय में यह अनुपात तो सैकड़ों में हैं। मसलन डीयू में बीए आॅनर्स जर्नलिज्म में मात्र 277 सीटें हैं, लेकिन आवेदकों की संख्या लगभग 80 हजार है। ऐसे में एक सीट के लगभग 285 दावेदार हैं। इसी तरह रसायन आॅनर्स में 62, अंग्रेजी आॅनर्स में 55, अर्थशास्त्र आॅनर्स में 43, राजनीतिशास्त्र आॅनर्स में 32, हिस्ट्री आॅनर्स में 40, गणित आॅनर्स में लगभग 31 दावेदार हैं।