दिल्ली मेट्रो को राजधानी की लाइफलाइन कहा जाता है। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से दिल्ली मेट्रो वित्तीय संकट से जूझ रही है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने मदद के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। दिल्ली सरकार से भी डीएमआरसी ने मदद की गुहार लगाई है। दिल्ली मेट्रो की सेवाएं उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी उपलब्ध हैं।
पत्र में डीएमआरसी ने कहा कि दिल्ली मेट्रो के संचालन के लिए मदद की जरूरत है। डीएमआरसी के सामने गहरा संकट पैदा हो गया है। ऐसा संकट पहले कभी नहीं सामने आया। डीएमआरसी ने जापान इंटरनैशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी का लोन चुकाने को लेकर भी चिंता जाहिर की है। केंद्र और दिल्ली सरकार फेज 1 और फेज 2 कॉरिडोर पर होने वाले ऑपरेशनल नुकसान का आधा-आधा भरपाई करने पर सहमत हुए थे। हालांकि जबसे दिल्ली मेट्रो की शुरूआत हुई है, इस तरह का संकट कभी नहीं आया है।
इस बारे में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहोलत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है। मिलने के बाद विचार किया जाएगा। डीएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘हमने दोनों सरकारों से अपील की है और मदद मांगी है।’
उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार से मदद मांगने के बारे में मंगू सिंह ने कहा, ‘उन दोनों राज्यों से भी सहायता मांगी गई है और उम्मीद है कि मिल जाएगी।’ सिंह ने कहा, ‘सोशल डिस्टैंसिंग की वजह से अब कोच में कम लोग ही सफर कर पाते हैं और कैरीइंग कैपिसिटी एक चौथाई हो गई है। जहां पहले एक कोच में 350 लोग तक सफर कर लेते थे वहीं अब 50 से 60 लोग ही यात्रा कर पाते हैं।’
उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ रही है लेकिन सीमित कपैसिटी की वजह से उन्हें देर तक इंतजार करना पड़ता है। पार्किंग, दुकानें सबकी कमाई में कमी आ गई है। कई लोगों ने किराए की केबिन भी छोड़ दी है। इसकी वजह से भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान कई महीनों तक दिल्ली मेट्रो को बंद कर दिया गया है। अभी मेट्रो में एक सीट छोड़कर ही लोग बैठ सकते हैं।